फिर से डरा रहे श्मशान घाट: लगी है एंबुलेंस की लाइन, करना पड़ रहा 8-12 घंटे इंतजार

Lagatar Desk : वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत में विकराल रूप ले लिया है. पिछले 5 दिनों से नये मरीजों का आंकड़ा लाख के पार जा रहा है. 9 अप्रैल को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 24 घंटे में देश में मरीजों की संख्या 1 लाख 31 हजार के पार है. जबकि 24 घंटे में कुल 780 मरीजों की मौत हुई है. इससे सभी की चिंता बढ़ती ही जा रही है. महाराष्ट्र और दिल्ली में हालात सबसे ज्यादा खराब हैं. जबकि कई राज्यों में नाइट कर्फ्यू के साथ ही लॉकडाउन की भी घोषणा की गयी है. फिर भी कोरोना की दूसरी लहर में बड़ी संख्या में लोग बीमार हो रहे हैं और मौत भी हो रही है.

लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी समस्या कोरोना से होने वाली मौत के बाद अंतिम संस्कार करने में हो रही है.क्योंकि श्मशान घाट पर एंबुलेंस की गाड़ियां शवों को लेकर लगातार लंबा इंतजार कर रही हैं. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और गुजरात के सूरत में भी यही स्थिती देखने को मिल रही है. कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए लंबा इंतजार हो रहा है.


लखनऊ में एक साथ लाये गये 60 शव

यूपी की राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. इसके साथ ही वहां मरने वालों का आंकड़ा भी डरा रहा है. लखनऊ के शमशान घाटों पर अंतिम संस्कार के लिए 8-12 घंटों तक इंतजार करना पड़ रहा है. बुधवार को भी लखनऊ के बैकुंठ धाम श्मशान घाट पर यही स्थिती देखने को मिली. जहां अंतिम संस्कार के लिए परिजन टोकन ले रहे थे और कई घंटों से इंतजार कर रहे थे. दरअसल बुधवार को एक साथ 60 मरीजों के शव श्मशान घाट पहुंचे. जिससे बैकुंठ धाम श्मशान घाट के बाहर खड़ी एंबुलेंस की लाइन खत्म ही नहीं हो रही थी.
लखनऊ में संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि 24 घंटे में बुधवार को 1,333 मिले और 6 की मौत भी हुई थी.लेकिन अंतिम संस्कार के लिए बुधवार को 60 शव एक साथ पहुंचे. जबकि सीएमओ की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक, सिर्फ 3 दिन में ही 20 लोगों की जान जा चुकी है. जिससे सरकार से लेकर आम लोगों तक की चिंता बढ़ी हुई है.

एक ही एंबुलेंस में रखे थे 6 शव

वहीं गुजरात के सूरत में भी कोरोना से मौत के बाद अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पर लोग अपनी बारी का इंतजार करते नजर आये. गुरूवार को सूरत के एक श्मशान घाट पर एक साथ 40 शवों को अंतिम संस्कार के लिए लाया गया. महज 15 मिनट में ही एक ही एंबुलेंस से 9 शव लाये गये. जबकि एक एंबुलेंस में 6 शव एक साथ रखे हुए थे. सुरत में गुरूवार को पहली बार ऐसा हुआ कि शवों की संख्या इतनी बढ़ कि अंतिम संस्कार के लिए जगह कम पड़े गये. जिसका नतीजा ये हुआ कि परिजन 3-4 घंटे तक अंतिम संस्कार के लिए इंतजार करते रहे.