Ranchi: झारखंड सरकार ने छत्तीसगढ़ आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को विनय चौबे और गजेंद्र सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था. छत्तीसगढ़ EOW ने विकास सिंह द्वारा की गयी शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच के बाद इन अधिकारियों के ख़िलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी थी.
हालांकि अब झारखंड एसीबी ने शराब घोटाले में तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह सहित वैसे कई अधिकारियों व शराब कारोबार से जुड़े लोगों को गिरफ्तार किया है.
एसीबी ने IAS विनय चौबे को गिरफ्तार किया. (फाइल फोटो)
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ EOW ने अरगोड़ा निवासी विकास सिंह की शिकायत के आधार पर सितंबर 2024 में एक प्राथमिकी दर्ज की थी. इसमें यह आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट ने झारखंड में भी छत्तीसगढ़ की तर्ज पर शराब घोटाले को अंजाम देने के लिए वर्ष 2021 में साजिश रची थी. इस साज़िश में अधिकारी अरूणपति त्रिपाठी, व्यवसायी सिद्धार्थ सिंघानियां, विधु गुप्ता सहित अन्य लोग शामिल थे.
विकास सिंह ने शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट द्वारा रची गयी इस साजिश में झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी शामिल थे. इसी साज़िश के परिणाम स्वरूप झारखंड में शराब का थोक व्यापार का काम ओम साईं और दीशिता वेंचर को मिला. इन लोगों को शराब के थोक व्यापार का काम दिलाने के लिए साइसेंलिस प्रणाली में बदलाव किया गया. यही लोग छत्तीसगढ़ में भी शराब का कारोबार करते थे और घोटाले में शामिल है.
मैनपावर सप्लाई का काम के लिए भी टेंडर की शर्तों को अपने अनुरूप तैयार किया गया. इससे झारखंड में भी मैनपावर सप्लाई का काम सुमित फैसिलिटीज, इगल हंटर व ए-टू-जेड को मिला. इस तरह छत्तीसगढ़ शराब सिंडिकेट ने झारखंड के अधिकारियों का साथ मिल कर वहां भी शराब घोटाले को अंजाम दिया.
अरुणपति त्रिपाठी व विधु गुप्ता (फाइल फोटो)
छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड (CSMCL) के सुझाव पर तैयार उत्पाद नीति-2022 को एक जुलाई 2022 को लागू किया गया. उत्पाद विभाग की ओर से यह दावा किया गया कि इस नीति से शराब से मिलने वाले राजस्व में वृद्धि होगी.
सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में शराब से 2500 करोड़ रुपये राजस्व मिलने का लक्ष्य निर्धारित किया था. हालांकि राज्य में हुए शराब घोटाले की वजह से राजस्व में गिरवाट आयी. इसके बाद उत्पाद विभाग ने राजस्व का लक्ष्य 2500 करोड़ रुपये से घटा कर 2050 करोड़ कर दिया.
छत्तीसगढ़ EOW ने प्राथमिकी में छत्तीसगढ़ के अधिकारियों का अलावा झारखंड के तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, विधु गुप्ता, सहित मैनपावर सप्लाई करने वाली कंपनियों को नामज़द अभियुक्त बनाया.
छत्तीसगढ़ EOW ने मामले की जांच कर मार्च 2025 में झारखंड सरकार को पत्र लिख कर विनय चौबे, गजेंद्र सिंह के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मांगी. लेकिन राज्य सरकार ने इन अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति देने से इंकार कर दिया.
हालांकि झारखंड एसीबी अब शराब घोटाले में प्राथमिकी दर्ज कर उनमें से अधिकांश लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसे छत्तीसगढ़ EOW ने प्राथमिकी में नामजद अभियुक्त बनाया था. एसीबी ने भी छत्तीसगढ़ में विनोद कुमार द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को पीई के रुप में दर्ज करने के बाद नियमित प्राथमिकी दर्ज की.
इसके बाद झारखंड एसीबी ने तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय चौबे, संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, प्रिज्म होलोग्राफी के विधु गुप्ता, सुमित फेलिटीड के सिद्धार्थ सिंघानियां को गिरफ्तार कर चुकी है. अब CSMCL के तत्कालीन प्रबंधन निदेशक और झारखंड उत्पाद नीति के सलाहकार अरुणपति त्रिपाठी को पूछताछ के लिए समन भेजा है. एसीबी ने इसके अलावा तत्कालीन उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा है.