सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया, डरपोक बनकर काम नहीं चलनेवाला

NewDelhi :  चीन भारत और भूटान की जमीन पर कब्जा कर रहा है. डरपोक बनकर चीन को जवाब नहीं दिया जा सकता. भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल प्रकाश कटोच के लिखे एक लेख को शेयर करते हुए यह ट्वीट किया.  स्वामी ने सरकार को आगाह करते हुए कहा कि चीन के साथ डरपोक बनकर काम नहीं चलने वाला. स्वामी ने कटोच को लेख को शेयर करते हुए ट्वीट किया है. बता दें कि अपने लेख में कटोच ने लिखा है कि दुनिया के सामने अब यह बात साफ हो चुकी है कि चीन  2015 से ही कोरोना वायरस को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा था.

वुहान वायरस को कोविड करार दिया

उसका लक्ष्य देश के स्वास्थ्य से जुड़े बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना भी था. कटोच के अनुसार हालांकि चीन ने वायरस के सामने आने के बाद दुनिया के आगे इस तरह से दिखावा किया कि वह कोरोना महामारी से पीड़ित है. कहा कि जुलाई 2017 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक के रूप में टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस को नियुक्त किया जाना इस योजना का हिस्सा था. जिन्होंने वुहान वायरस को कोविड करार दिया था,

कटोच कहते हैं कि चीन की जैविक युद्ध से जुड़ी तैयारियों से ध्यान भटकाने के लिए अलग-अलग देशों के म्यूटेंट पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की जा रही है, जिससे चीन बच निकले. हालांकि चीन धीरे-धीरे तमाम गलत कारणों से सुर्खियों में आ रहा है.

अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने चीनी गांव के निर्माण को उजागर किया

 कटोच ने कहा कि पहली बार, संयुक्त राष्ट्र ने शिंजियांग में उइगर क्षेत्र में उइगरों के खिलाफ चीन के अत्याचारों पर चर्चा की है. साथ ही कुछ अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने हाल ही में भूटान क्षेत्र के अंदर एक चीनी गांव के निर्माण को उजागर किया है. चीन विदेशी क्षेत्रों पर ऐतिहासिक दावों के निर्माण के लिए कानूनी युद्ध का इस्तेमाल करता रहा है.  यह अवैध दावों को मजबूत करने के लिए  स्थानों को चीनी नाम देने पर बल देता है.

बताया कि  बीजिंग ने भारत के अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों को चीनी नाम दिया है, जिस पर वह अवैध रूप से दक्षिण तिब्बत होने का दावा करता है.  नवंबर 2020 में चीन ने भूटान की दक्षिण-पश्चिमी सीमा के अंदर तोरसा नदी के किनारे पंगडा  नाम का एक गांव निर्मित किया. लेख में कहा गया है कि शेन शिवेई ने डोकलाम क्षेत्र में स्थापित गांव की तस्वीरें पोस्ट कीं और बाद में बस्ती के सटीक स्थान का संकेत दिया. हालांकि, बीजिंग और थिम्पू दोनों ने इस बात से इनकार किया. अब सैटेलाइट इमेज एक चीनी गांव ग्यालाफुग’ की तस्वीर सामने है, जिसके बारे में कहा जा रहा है कि इसे भूटान के अंदर दो किमी बनाया गया है.