Ranchi/ Delhi: टेरर फंडिंग के आरोपी सुदेश केडिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सुदेश केडिया को जमानत दे दी है. देश की शीर्ष अदालत ने सुदेश केडिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी होने के बाद जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए सुदेश केडिया को बड़ी राहत दी है. जमानत याचिका पर एनआईए समेत बचाव पक्ष की ओर से बहस पूरी करिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया है. बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने सुदेश केडिया को जमानत देने से इनकार करते हुए उसके द्वारा दायर जमानत याचिका को खारिज कर दिया था.
बता दें कि उग्रवादियाें काे टेरर फंडिंग मामले की जांच कर रही एनआईए ने 10 जनवरी 2020 को रांची के एक व्यवसायी सुदेश केडिया और मुसाबनी के ट्रांसपोर्टर अजय कुमार सिंह को गिरफ्तार किया था. चतरा के टंडवा स्थित आम्रपाली व मगध कोयला परियोजना से खनन, व्यवसाय व ट्रांसपोर्टिंग में टेरर फंडिंग मामले की जांच एनआईए कर रही है. सुदेश केडिया रांची में रातू रोड में रहते हैं.
23 अगस्त 2019 को 9 के खिलाफ तय हुआ था आराेप
टेरर फंडिंग मामले में 23 अगस्त 2019 को आधुनिक पावर के जीएम संजय जैन, ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू, सीसीएल कर्मी सुभान खान, टीएसपीसी नक्सली बिंदेश्वर गंझू, प्रदीप राम, अजय सिंह भोक्ता, विनोद गंझू, मुनेश गंझू व बीरबल गंझू के विरुद्ध आरोप तय किया गया था। ये सभी जेल में हैं। एनआइए ने इस मामले में कुल 14 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
पांच साल से कोयला व्यापार से जुड़े हैं केडिया
सुदेश केडिया पांच साल से कोयला व्यापार से जुड़े हैं. मध्यम वर्गीय परिवार से आनेवाले सुदेश केडिया कुछ साल पहले तक ट्रांसपोर्ट और मोटर पार्ट्स के व्यवसाय से जुड़े थे. कोयला व्यवसाय में आने के बाद उनके पास काफी पैसा आने की चर्चाएं होने लगीं.
क्या है पूरा मामला
टंडवा थाने में दर्ज प्राथमिकी 22/18 को एनआईए ने टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. यह मामला सीसीएल, पुलिस, उग्रवादी और शांति समिति के बीच समन्वय को लेकर लेवी वसूली से संबंधित है. एनआईए ने सीसीएल कर्मी सुभान खान सहित 14 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में लिखा था कि टीएसपीसी को लेवी देने के लिए ऊंची दर पर मगध व आम्रपाली कोल परियोजना से कोयला ढुलाई का ठेका लिया गया था. इसमें टीएसपीसी उग्रवादी आक्रमण जी ने अनुशंसा की थी और ट्रांसपोर्टर सुधांशु रंजन उर्फ छोटू सिंह को ठेका मिला था. इसमें मिली राशि का बड़ा हिस्सा टीएसपीसी को जाता था.