सुप्रीम कोर्ट धर्म संसद को लेकर 22 अप्रैल को सुनवाई करेगा, उत्तराखंड सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

NewDelhi : उत्तराखंड सहित देश के कई राज्यों में आयोजित धर्म संसद में नफरत भरे भाषणों के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 22 अप्रैल को सुनवाई करेगा. याचिकाकर्ता कुर्बान अली के वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि रविवार को हिमाचल में भी धर्म संसद का आयोजन होने वाला है. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिमाचल के अधिकारियों को मामले के पुराने आदेश की जानकारी मुहैया करायें. खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से हरिद्वार धर्म संसद में कथित रूप से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले भाषणों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. इसे भी पढ़ें : कर्नाटक">https://lagatar.in/karnataka-voice-rising-in-bjp-on-communal-incidents-yeddyurappa-said-let-muslims-live-in-peace/">कर्नाटक

: सांप्रदायिक घटनाओं पर भाजपा में उठ रही आवाज, बोले येदियुरप्पा, मुस्लिमों को शांति से जीने दो

कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक शब्द कहे  

छोड़ा पीछे जायें तो छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक संगठन द्वारा आयोजित धर्म संसद में कालीचरण महाराज ने महात्मा गांधी के बारे में अपमानजनक शब्द कहे थे और नाथूराम गोडसे को बापू की हत्या के लिए सही करार दिया था. कालीचरण महाराज ने कहा था कि लोगों को धर्म की रक्षा के लिए एक कट्टर हिंदू नेता को सरकार का मुखिया चुनना चाहिए. इस्लाम का लक्ष्य राजनीति के माध्यम से राष्ट्र पर कब्जा करना है . हमारी आंखों के सामने उन्होंने 1947 में कब्जा कर लिया था . उन्होंने पहले ईरान, इराक और अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था . इस विवाद के बाद कालीचरण को गिरफ्तार कर लिया गया था . इसे भी पढ़ें :  40">https://lagatar.in/karnataka-contractor-commits-suicide-had-said-minister-eshwarappa-demanded-40-percent-commission-fir-on-minister/">40

फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगा ठेकेदार ने आत्महत्या की, कर्नाटक के मंत्री ईश्वरप्पा पर एफआईआर

धर्म की रक्षा के लिए हिंदू हथियार उठाये

उत्तराखंड के हरिद्वार में हुई धर्म संसद में भड़काऊ भाषण का एक वीडियो सामने आने के बाद से बवाल मच गया था . इस धर्म संसद में एक वक्ता ने विवादित भाषण देते हुए कहा था कि धर्म की रक्षा के लिए हिंदुओं को हथियार उठाने की जरूरत है. कहा गयाथा कि किसी भी हालत में देश में कोई मुस्लिम प्रधानमंत्री न बने. साथ ही कहा था कि मुस्लिम आबादी बढ़ने पर रोक लगानी होगी. [wpse_comments_template]