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एक ही बार में तीन तलाक’ कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध
बता दें कि इस कानून के तहत मुस्लिमों में एक ही बार में ‘तीन तलाक’ कहकर शादी तोड़ देने की प्रथा दंडनीय अपराध के दायरे में आ गयी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कानून के प्रावधानों के तहत पत्नी को तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ देने वाले मुस्लिम पति को तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है. इसे भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर">https://lagatar.in/jammu-and-kashmir-grenade-attack-on-security-forces-at-tral-bus-stand-targeted-seven-civilians/14568/">जम्मू-कश्मीर: पुलवामा के त्राल बस स्टैंड पर सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड से हमला, निशाना चूका, सात नागरिक घायल
अग्रिम जमानत देने से पहले शिकायतकर्ता महिला की बात सुननी होगी
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कानून की संबंधित धाराओं और दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) के प्रावधानों का जिक्र किया जो व्यक्ति की गिरफ्तारी की आशंका होने पर उसे जमानत देने से जुड़े निर्देशों से संबंधित हैं. पीठ में न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी भी शामिल थीं. पीठ ने कहा कि उपरोक्त कारणों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि कानून की धारा 7 (सी) तथा सीआरपीसी की धारा 438 को कायम रखते हुए इस कानून के तहत अपराध के लिए आरोपी को अग्रिम जमानत याचिका देने पर कोई रोक नहीं है, हालांकि अदालत को अग्रिम जमानत देने से पहले शिकायतकर्ता विवाहित मुस्लिम महिला की बात भी सुननी होगी. इसे भी पढ़ें : देशभर">https://lagatar.in/corona-vaccine-will-be-installed-free-of-cost-across-the-country-health-minister-dr-harsh-vardhan-announced/14525/">देशभरमें कोरोना की वैक्सीन मुफ्त लगाई जायेगी, स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने की घोषणा