Ranchi : पांच वामदलों भाकपा, माकपा, भाकपा (माले), मासस, आरएसपी, फारवर्ड ब्लाक सहित विभिन्न जन संगठनों ने आज मंगलवार को माकपा कार्यालय में संयुक्त बैठक की. बैठक में राज्य स्तरीय कन्वेंशन का आयोजन करने की घोषणा की गयी. कहा गया कि 19 मई को पुराने विधानसभा भवन में कन्वेंशन का आयोजन होगा. जानकारी दी गयी कि कन्वेंशन में झारखंड के 10 प्रमुख जन मुद्दों पर संघर्ष करने की कार्ययोजना तय की जायेगी. वामदलों के अलावा ट्रेड यूनियनों, किसान सभाओं, युवा, छात्र और महिलाओं के जनसंगठन, सामाजिक संगठन और संस्कृतिकर्मियों के संगठन भी कन्वेंशन में शामिल होंगे.
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ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति बहुत गंभीर है
कन्वेंशन को लेकर आयोजित बैठक में खाद्य सुरक्षा पर प्रस्ताव लाया गया. कहा गया कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की स्थिति बहुत गंभीर है. मोदी सरकार इससे इनकार करती है. लेकिन यही सच्चाई है. केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का विलय कर 81.35 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज मुफ्त में दिये जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है. जबकि उन्हें अनुदानित दर पर मिलनेवाला 3 रुपये किलो चावल, 2 रुपये किलो गेहूं और 1 रुपये किलो मिलनेवाले मोटे अनाज से वंचित कर दिया जायेगा, जो खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मिल रहा था.
गेहूं 30 रु किलो और चावल 40 रु प्रति किलो बिक रहा है
इसका नतीजा यह होगा कि 5 किलो सब्सिडी वाले खाद्यान्न की भरपाई के लिए (जो पोषण के स्तर को बनाये रखने के लिए बहुत जरूरी है) लोगों को खुले बाजार में जाना होगा, जहां गेहूं 30 रु किलो और चावल 40 रु प्रति किलो बिक रहा है. उल्लेखनीय है कि गरीबों को एक माह के राशन में 5 किलो चावल के लि अब 15 रु के बजाय 200 रुपये, और गेहूं के लिए 10 रुपये के बजाय 150 रुपये तक देने होंगे. वामदलों ने केंद्र सरकार से मांग की है कि मुफ्त राशन के साथ-साथ अनुदानित दर पर दिये जाने वाले अनाज की आपूर्ति जारी रखी जाये, ताकि गरीबों को भुखमरी का शिकार होने से बचाया जा सके.
गरीबों के समक्ष भुखमरी की स्थिति, ग्रीन राशन कार्ड में नहीं मिल रहा अनाज
झारखंड की बात करें तो 15 नवंबर 2020 को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए जोर -शोर से शुरू की गयी अनाज आपूर्ति की योजना बंद हो गयी है. इस योजना के तहत राज्य के 15 लाख, 36 हजार हरे राशन कार्डधारियों को अनुदानित मूल्य पर प्रति यूनिट (व्यक्ति) 5 किलो अनाज दिया जा रहा था. यह पिछले नवंबर माह से बंद है. इस मामले में झारखंड के खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव का कहना है कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राशन की आपूर्ति करने से इनकार कर रहा है. इस कारण अनाज की बेहद कमी वाले राज्य झारखंड मे गरीब परिवारों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा हो गयी है. राज्य के 22 जिलों के 222 प्रखंडों में धान की खेती नहीं हो सकी है
बता दें कि पिछले साल राज्य में पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण राज्य के 22 जिलों के 222 प्रखंडों में धान की खेती नहीं हो सकी है. राज्य में धान की उपज होने से किसानों के पास भोजन के लिए कुछ महीनों तक चावल उपलब्ध रहता है. वामदलों ने राज्य सरकार से मांग की है कि अनाज के टेंडर की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू की जाये. घोषणा के अनुसार 20 लाख लोगों को अनुदानित दर पर अनाज दिये जाने की गारंटी सुनिश्रित की जाये. बैठक की अध्यक्षता माकपा राज्य सचिव प्रकाश विप्लव ने की. बैठक में भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, अजय सिंह, भाकपा (माले) के पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, शुभेंदु सेन, माकपा के समीर दास, आरएसपी के गणेश दीवान, एआईकेएस के सुरजीत सिन्हा, वीरेन्द्र कुमार और सीटू के अनिर्वाण बोस शामिल थे. [wpse_comments_template]