में मनरेगा की स्थिति: काम की मांग में 8 फीसदी की गिरावट, 39 लाख मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी
बिजली बोर्ड के दावों की पोल खुल गई
बिजली बोर्ड ने गर्मी से पहले मेनटेनेंस के नाम पर दर्जनों बार शट डाउन लिया था, लेकिन इसके बावजूद बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पाई. अंडरग्राउंड केबलिंग का काम भी अधूरा पड़ा है, जिससे आंधी-पानी में बिजली कटने की समस्या बनी हुई है.इन इलाकों में बिजली आपूर्ति प्रभावित
तेज बारिश और हवा के कारण देवी मंडप, हरमू, बूटी मोड़, विकास, चुटिया, सुखदेव नगर, लालपुर, डंगराटोली, कुसई, लापुंग, कांटाटोली, पीस रोड़, बरियातू, रातू रोड.घाघरा, नामकुम, सामलौंग, अनगड़ा, सहित अन्य शहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली व्यवस्था चरमरा गई. विभाग अब बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए फिर से पावर रिस्टोर करने में जुटा है.करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी नहीं सुधरी व्यवस्था
बिजली वितरण निगम मेनटेनेंस में सालाना 343.30 करोड़ रुपये खर्च करता है. लेकिन इसके बावजूद बिजली व्यवस्था में सुधार नहीं हो रहा है. मेनटेनेंस के नाम पर ही दो से तीन घंटे तक बिजली काटी जाती है, जिससे लोगों को परेशानी होती है.नगर निगम की भी पोल खुल गई
रांची में हुई धुआंधार बारिश से सड़कों पर जल जमाव हो गया है, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है. इससे रांची नगर निगम की पोल भी खुल गई है. इसे भी पढ़ें -BREAKING">https://lagatar.in/breaking-vinay-chaubey-gajendra-singh-sent-to-judicial-custody-till-june-3/">BREAKING: 3 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजे गए IAS विनय चौबे व गजेंद्र सिंह