सदन में राज्यपाल के आरक्षण वाले बयान पर हंगामा, कांग्रेस ने कहा- हम बर्दाश्त नहीं कर सकते

सरकार से की आरक्षण बिल पर पुनर्विचार के लिए राजभवन पर दबाव बनाने की अपील

Ranchi: झारखंड विधानसभा में राज्यपाल के आरक्षण पर दिये गये बयान को लेकर कांग्रेस ने विरोध किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने कहा कि राज्यपाल ने आरक्षण बिल लौटाया है. हमारे अधिकार को छीना जा रहा है. मैं इसका विरोध करता हूं. विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि चलते सत्र के दौरान राज्यपाल का बयान आता है कि 77 फीसदी आरक्षण असंवैधानिक है. उन्होंने कहा कि झारखंड के पिछड़े, दलित और आदिवासी इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं. सरकार विधेयक पर पुनर्विचार करने के लिए राजभवन पर दबाव बनाये. बताते चलें कि मंगलवार को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने जमशेदपुर में कहा था कि झारखंड सरकार ने राजनीतिक लाभ के लिए 77 फीसदी आरक्षण का विधेयक राजभवन को भेजा था. ऐसे विधेयक को संवैधानिक तौर पर खारिज करना ही होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी 77 फीसदी आरक्षण को गलत ठहरा दिया है. इसे पढ़ें- रांची">https://lagatar.in/bike-riding-criminals-snatched-rs-1-lakh-from-a-female-para-teacher-in-ranchis-ratu/">रांची

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आईपीएस संजीव कुमार शुद्ध रूप से क्रिमिनल हैं- ढुल्लू महतो

भाजपा विधायक ढुल्लू महतो ने धनबाद के पूर्व एसएसपी संजीव कुमार के खिलाफ सदन के बाहर धरना दिया. उन्होंने संजीव कुमार को खनन माफियाओं का सरगना बताया और उनकी संपत्ति की ईडी से जांच कराने की मांग की. सदन के अंदर भी उन्होंने इस मामले को जोर शोर से उठाया. संजीव कुमार शुद्ध रूप से क्रिमिनल हैं. जब वे धनबाद के एसएसपी थे तब जेल के अंदर हत्याएं हो रही थी. अवैध माइनिंग चरम पर था. उनके तबादले के बाद अब ये सब कुछ बंद हो गया है. इससे साफ है कि वे वर्दी में शुद्ध रूप से क्रिमिनल थे. उन्होंने कहा कि उनके कार्यों की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बना दी जाए या फिर किसी एजेंसी से जांच करवाई जाये.

कोर्ट और सदन को गुमराह कर रही है सरकार- नीलकंठ

भाजपा विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने निकाय चुनाव को लेकर सदन में सरकार को घेरा. ध्यानाकर्षण के तहत उन्होंने सरकार से पूछा कि पिछले साल ही राज्य के नगर निकायों का कार्यकाल खत्म हो गया है. इसके बाद राज्य में नगर निकाय चुनाव क्यों नहीं हुआ. कहा कि इस सरकार की मंशा है कि निकाय चुनाव न हो. यही वजह है कि निकायों के कार्यकाल खत्म होने के पहले चुनाव और ट्रिपल टेस्ट की तैयारी नहीं की गई. सरकार ने कोर्ट में शपथपत्र देकर कहा है कि 6 महीने में निकाय चुनाव करा लिए जाएंगे. चार महीने खत्म हो चुके हैं. सिर्फ दो महीने बचे हैं. अभी ट्रिपल टेस्ट के लिए पिछड़ा आयोग का गठन हुआ है. आखिर दो महीने में चुनाव कैसे होगा. सरकार कोर्ट और सदन दोनों को गुमराह कर रही है. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि अभी 6 महीने पूरे नहीं हुएं है. आयोग की रिपोर्ट आने के बाद निर्णय लेकर सरकार चुनाव करायेगी. इसे भी पढ़ें- शाम">https://lagatar.in/evening-news-diary-28-feb-2024-jharkhand-news-updates/">शाम

की न्यूज डायरी।।28 FEB।।झारखंड में 25 पैसे महंगी हुई बिजली।।CUJ के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति हुईं शामिल।।बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे हेमंत।।राबड़ी,मीसा को ED कोर्ट से राहत।।DMK के विज्ञापन में चीन का रॉकेट,पीएम ने घेरा।।समेत कई खबरें और वीडियो।।

ग्रामसभा की सहमति के बिना दिया जा रहा अबुआ आवास- लंबोदर महतो

विधायक लंबोदर महतो ने सदन में ध्यानाकर्षण के तहत अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी का मामला उठाया. कहा कि जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिए बगैर मनमाने तरीके से लाभुकों की प्राथमिकता सूची तैयार की गई है. लाभुकों के चयन में ग्राम सभा का अनुमोदन नहीं लिया जा रहा है. कहा कि लाभुकों के चयन के बाद ग्राम सभा को फैसला लेना था कि किसे आवास दिया जाएगा, लेकिन प्रखंड कार्यालयों के द्वारा मनमाने तरीके से लाभुकों की सूची बनाई गई. सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी की कुछ शिकायतें मिली हैं. उसमें सुधार करने को कहा गया है. पहले सेलेक्शन कमिटी लाभुकों की सूची बनाती है और उनका सत्यापन किया जाता है उसके बाद उस सूची को ग्राम सभा से स्वीकृति मिलने के बाद ही लाभुकों को आवास आवंटन किया जाता है. ग्राम सभा को पूरा अधिकार दिया गया है. जहां-जहां गड़बड़ी की शिकायतें मिली हैं सभी जगह कार्रवाई होगी.

राजेश कच्छप ने सदन में उठाया ई-ऑटो चालकों का दर्द

विधायक राजेश कच्छप ने सदन में ई-ऑटो चालकों की परेशानी को उठाया. कहा कि बैटरी और मिथनॉल एवं इथनॉल इंधन से चलने वाले वाहनों के लिए परमिट की कोई जरूरत नहीं होती है. परमिट की बाध्यता नहीं होने के बावजूद वाहन चालकों को रुट उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. जो वाहन चल रहे हैं उन्हें जब्त करके फाइन लिया जा रहा है. इससे गरीब चालक परेशान हैं. मंत्री आलमगीर आलम ने आश्वासन दिया कि नगर विकास विभाग और परिवहन विभाग मिलकर इस समस्या का हल निकालेंगे. [wpse_comments_template]