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2019 में 4.7 तक गिर गया था न्यूनतम तापमान
पिछले वर्ष दिसंबर के अंतिम चार दिनों में जहां न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री से लेकर 6.5 डिग्री तक रहा. वहीं इस बार 8.3 डिग्री से लेकर 11.2 डिग्री तक दर्ज किया गया. पिछले साल दिसंबर के शुरुआत से लेकर अंत तक कई कई दिन ऐसे रहे, जिसमें न्यूनतम तापमान 7 डिग्री से नीचे रहा. लेकिन इस बार ऐसी स्थिति कम ही रही. मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार पिछले साल दिसंबर माह में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव व्यापक क्षेत्रों पर पड़ा. जिसके कारण झारखंड तक बादल छाये रहे. जम्मू कश्मीर से लेकर उत्तराखंड तक बर्फबारी के कारण पश्चिम उत्तर की हवा सर्द झारखंड को ठिठुराते रही. बादल हटने के बाद ठंडी हवा के कारण झारखंड के तापमान में कमी आई. लेकिन इस बार ऐसी स्थिति कम रही. इसे भी पढ़ें : शनिवार">https://lagatar.in/dry-run-of-corona-vaccination-on-saturday-meeting-held-in-sadar-hospital-in-jharkhand/14347/">शनिवारको कोरोना टीकाकरण का ‘ड्राई रन’, झारखंड में तैयारियों को लेकर सदर अस्पताल में हुई बैठक
दिसंबर में वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव रहा
वैज्ञानिकों के मुताबिक इस बार भी दिसंबर के दौरान वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव रहा. छह-सात मौकों पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस देश के उत्तरी भागों में दस्तक दी. लेकिन कश्मीर, हिमाचल के बाद इसका असर कम हो गया. यही कारण है कि सर्द हवा की गति इस बार अपेक्षाकृत कम रही. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक रांची समेत पूरे झारखंड में दिसंबर से 20 जनवरी तक कड़ाके की ठंड पड़ती है. आने वाले समय में भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस का प्रभाव बना रहेगा. इससे ठंड में उतार-चढ़ाव का क्रम जारी रहेगा. मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि दिसंबर और जनवरी के बीच झारखंड का मौसम देश के पश्चिमोत्तर भाग के सीधा प्रभावित होता है. इस दौरान हिमालय और तराई के क्षेत्रों पर बर्फबारी तथा उत्तरी भागों में बारिश होने से झारखंड में ठंड बढ़ जाती है. वहां से आने वाली उत्तरी हवा के कारण ही न्यूनतम तापमान नीचे चला जाता है. इसे भी पढ़ें : लाइट">https://lagatar.in/cm-hemant-soren-laid-the-demand-in-the-foundation-stone-program-of-the-light-house-project-the-poor-will-get-7-lakhs-need-to-reduce/14243/">लाइटहाउस प्रोजेक्ट के शिलान्यास कार्यक्रम में सीएम हेमंत सोरेन ने रखी मांग, गरीबों को 7 लाख लगेगा, इसे कम करने की जरुरत