पश्चिमी हवाओं के कारण मार्च तक झारखंड में बदलता रहेगा मौसम

Ranchi : पश्चिमी हवाओं के कारण झारखंड के मौसम का बदलना रहेगा. इस बदलाव से तापमान में उतार-चढ़ाव होगा. झारखंड में बादल के छटते ही तापमान गिरेगा. और ठंड बढ़ने की आंशका है. मौसम विज्ञानियों के अनुसार मौजूदा समय पर आसमान में छायें हल्के बादल 10 जनवरी तक रहेंगे. इसके बाद ठंड बढ़ने की संभावना है. राजधानी रांची समेत प्रदेश के अन्य हिस्सों के तापमान में 5 डिग्री तक गिरावट आ सकती है.

पश्चिमी हवाएं जाड़े के दिनों में ज्यादा प्रभावशाली

पश्चिमी दिशा से आने वाली हवाएं जाड़े के दिनों में ज्यादा सक्रिय रहता है. यह भूमध्य सागर से शुरू होता है. यहां से निम्न दबाव क्षेत्र बनकर पूरब की ओर स्थित ईरान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान होते हुए भारत में प्रवेश करता है. रास्ते में अंध महासागर और कैस्पियन सी की नम हवाएं तूफान को और व्यापक बनाती है. [caption id="attachment_16376" align="aligncenter" width="308"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/aag.jpg"

alt="" width="308" height="163" /> ठंड में आग के सामने बैठे लोगों की प्रतिकात्मक तस्वीर[/caption]

हवाओं के कारण हिमालय में होती है बर्फबारी

जाड़े के दिनों में निचली वातावरण की हवा ठंडी होती है. जिसके  कारण यह तूफान वायुमंडल की ऊपरी सतह से होते हुए भारत में प्रवेश करता है. इसके आने के कारण ही हिमालय पर बर्फबारी और मैदानी भागों में बारिश होती है. [caption id="attachment_16378" align="aligncenter" width="850"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/SNOW.jpg"

alt="" width="850" height="478" /> हवाओं के कारण हिमालय मे बर्फबारी[/caption]

बड़े तूफानों का असर झारखंड पर

बड़े तूफान होने पर ही इसका असर झारखंड तक पहुंचता है. इससे कभी- कभी यहां भी हल्की बारिश होती है. जबकि छोटे तूफान हिमालय की तराई क्षेत्र से होते हुए उत्तराखंड, यूपी, बिहार होते हुए पूर्वोत्तर की ओर निकल जाते हैं. तब इसका असर झारखंड पर नहीं पड़ता है. लेकिन बादल छटने के बाद तराई क्षेत्रों की सर्द हवा मैदानी भाग होते हुए पूरे झारखंड को कपकपा देती है. [caption id="attachment_16374" align="aligncenter" width="650"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/01/barish.jpg"

alt="" width="650" height="540" /> पश्चिमी हवाओं के कारँ हल्की बारिश होने की संभावना[/caption]

हर नौ-दस दिन पर विक्षोभ की प्रक्रिया शुरू

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक, जाड़े के दिनों में भूमध्य सागर में यह सिस्टम की प्रक्रिया हर एक 9 से 10 दिनों के अंतराल पर शुरू होती है. पर गर्मी के दिनों में गर्म हवा ऊपर रहने के कारण विक्षोभ का प्रभाव कम रहता है. भारत में इसका प्रभाव नवंबर से फरवरी-मार्च तक अधिक रहता है. इसे भी पढ़ें:रांची">https://lagatar.in/completed-one-day-training-program-of-drug-inspectors-of-jharkhand-on-safe-blood-transfusion-at-medanta-hospital-ranchi/16368/">रांची

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7-8 डिग्री तक बढ़ा औसत न्यूनतम तापमान

बादल छाए रहने के कारण राजधानी समेत अन्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य औसत से छह सात डिग्री तक बढ़ गया है राजधानी रांची में शुक्रवार को न्यूनतम तापमान 17.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. जबकि यहां का औसत न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री सेल्सियस है. प्रदेश के अन्य हिस्सों की भी यही स्थिति है. इसे भी पढ़ें:गम्हरिया">https://lagatar.in/illegal-occupation-of-more-than-11-acres-of-government-land-in-gamharia-block-land-mafia-did-10-million-rupees/16363/">गम्हरिया

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11 जनवरी के बाद बढ़ेगी ठंड : अभिषेक आनंद

मौसम वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य के विभिन्न हिस्सों पर बादल छाए हुए हैं. 11 जनवरी के बाद बादल छटेंगे. लेकिन इसके बाद सर्द हवा के आने से और ठंड बढ़ेगी. सुबह और रात में कुहासा भी रहेगा. न्यूनतम तापमान में 5 से 6 डिग्री तक की गिरावट होने का पूर्वानुमान व्यक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ का फरवरी-मार्च तक असर पड़ सकता है. इसे भी पढ़ें:SBI">https://lagatar.in/sbi-customers-will-now-have-to-fill-petrol-cheaper/16360/">SBI

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