वो कौन लोग हैं, जिनके कारण 90 साल के RSS की तरफ हिकारत की नजरें उठने लगी हैं !

Devendra Surjan

मेरा निजी अनुभव है कि RSS (आरएसएस) के लोग अधिकांशतः बेहद शालीन और सभ्य होते हैं. वो सभ्य और शालीन आवाज और अंदाज में बात करने वाले होते हैं. विचारधारा जैसी हो पर असभ्यता नहीं होती उनमें. एकदम शांत और सुनने-फिर बोलने वाले होते हैं.

तो फिर ये कौन लोग हैं, जो सोशल मीडिया पर हर वक़्त गाली गलौज कर रहे हैं. असभ्यता से लेकर भयंकर उग्रता और बदतमीजी करते हैं? सामने वालों को झूठा व नीचा दिखाने के लिये गलत तथ्य व तर्क रखते हैं.

आरएसएस की छवि तार-तार होने के दरवाजे पर पहुंच गयी

असल में इन्हीं (सोशल मीडिया पर जहर उगलने वाले लोगों) की वज़ह से आरएसएस की छवि तार-तार होने के दरवाजे पर पहुंच गयी है. कई लोगों का अनुभव है कि संघी होना एक गाली जैसा बना दिया गया है. यह उन उपद्रवियों की वजह से ही हो रहा है, जो हर वक्त गाली-गलौज की भाषा में सोशल मीडिया पर जहर उगलते रहते हैं.

मगर ये लोग हैं कौन ? क़ायदे से इस बात का जवाब आरएसएस को मांगना और तलाशना चाहिए था. पर हिंदुत्व के उभरते ज्वार भाटे में आरएसएस इस तरफ ध्यान देना भूल ही गया.

आरएसएस की तरफ हिक़ारत की नजरें उठनी शुरू हो गयी

अब 90 साल के इतिहास में आज पहली बार आरएसएस की तरफ हिक़ारत की नजरें उठनी शुरू हो गयी हैं. यह हो रहा है, इन गालीबाजों के कारण. पर ये हैं कौन? ये उस टीम का हिस्सा हैं जो बहुत शातिर जोड़ी ने आरएसएस पर निर्भरता कम करने के लिए बनाई थी और जिसके ऊपर खूब खर्च किया जाता है. ये एक पेड आर्मी सरीखी गालीबाजों की फ़ौज है. जो जरूरत पड़ने पर आरएसएस को भी गरियाने से बाज़ नहीं आयेगी.

डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.