सीजफायर की घोषणा ट्रंप ने क्यों की? पीएम मोदी, जयशंकर जवाब दें : कांग्रेस

ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करना गलत है, क्योंकि हमने सुरक्षा का कभी राजनीतिकरण नहीं किया है. NewDelhi : AICC कार्यालय में आज बुधवार को कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक हुई. इस बैठक में नेता विपक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेता मौजूद थे. बैठक के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉंफ्रेंस की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं प्रेस कॉंफ्रेंस  मेंसांसद जयराम रमेश  व पवन खेड़ा  ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए सीजफायर को लेकर पीएम मोदी पर हल्ला बोला. कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार सवाल कर रही है कि  सीजफायर की पहली घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने क्यों की? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री कहते हैं कि अमेरिका की भूमिका सीजफायर में बहुत महत्वपूर्ण थी. अमेरिका की वजह से ही भारत-पाकिस्तान का युद्ध विराम हुआ है, लेकिन हमारे विदेश मंत्री एस जयशंकर कोई जवाब नहीं दे रहे. पूछा कि पहलगाम के आतंकवादी कब भारत को सौंपे जाएंगे? क्या ये सीजफायर की शर्तों में शामिल था?  पाकिस्तान में जो बाकी के आतंकी हैं, जिनको पूरी दुनिया जानती है, क्या उन्हें भारत को सुपुर्द किया जाएगा? अगर किया जाएगा तो कब तक? सीजफायर में अमेरिका की क्या भूमिका है? जयराम रमेश ने कहा, हम लगातार ये सवाल उठा रहे हैं कि प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश, विपक्ष और संसद को विश्वास में लेकर ये क्यों नहीं बताते कि सीजफायर में अमेरिका की क्या भूमिका है? इन सारे सवालों पर प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री आखिर चुप क्यों हैं? दोनों  सर्वदलीय बैठक  में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं थे जयराम रमेश ने कहा कि 22 अप्रैल से ही कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी बार-बार एकता और एकजुटता की बात कर रहे हैं. कहा कि हमने सरकार का समर्थन किया और `ऑपरेशन सिंदूर` का स्वागत भी किया. हमने हमेशा यही कहा कि हम सरकार और सेना के साथ चट्टान के माफिक खड़े हुए हैं. आतंकवाद के खिलाफ़, पाकिस्तान के खिलाफ़ जो कार्रवाई की जा रही है, उसका हम पूरा समर्थन कर रहे हैं. हमने यह भी मांग रखी कि सर्वदलीय बैठक बुलाई जाये. दो सर्वदलीय बैठक हुई, लेकिन दोनों में प्रधानमंत्री मोदी मौजूद नहीं थे. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र  लिखा मल्लिकार्जुन खड़गे और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र भी लिखा है कि संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाये. इसमें पहलगाम आतंकवादी हमले के ऊपर चर्चा हो, ताकि एक सामूहिक संकल्प दुनिया को दिखाया जा सके कि हम एक हैं. इसके अलावा, हमारे पास PoK को लेकर 22 फ़रवरी 1994 को सर्वसम्मति से पारित हुए प्रस्ताव को भी वापस दोहराने का मौक़ा है, लेकिन इस पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ नहीं कहा है. प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाये जयराम रमेश ने मांग की  कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाये, पार्लियामेंट का एक विशेष सत्र बुलाया जाये. मेरा मानना है कि ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण करना गलत है, क्योंकि हमने सुरक्षा का कभी राजनीतिकरण नहीं किया है. अब खबर यह भी आयी है कि 25 May को प्रधानमंत्री मोदी NDA के मुख्यमंत्रियों से मुलाकात करेंगे. पूछा कि वे क्यों नहीं देश के सारे मुख्यमंत्रियों से मिलते हैं. मोदी सिर्फ NDA के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करेंगे, यह राजनीतिकरण नहीं है तो और क्या है कहा कि आख़िर कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, तेलंगाना, हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की क्या गलती है? पीएम मोदी सिर्फ NDA के मुख्यमंत्रियों से बातचीत करेंगे, यह राजनीतिकरण नहीं है तो और क्या है. प्रधानमंत्री मोदी ख़ुद सर्वदलीय बैठक में आते नहीं. पत्र का जवाब देते नहीं हैं, पार्लियामेंट का विशेष क्षेत्र बुलाने के लिए तैयार नहीं है और दूसरी तरफ NDA के मुख्यमंत्रियों से विशेष बैठक करवा रहे हैं, रैलियां करवा रहे हैं. यह राजनीतिकरण नहीं है तो और क्या है? हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. ऐसा राजनीतिकरण हमने कभी नहीं देखा. इसे भी पढ़ें : भारत">https://lagatar.in/india-successfully-test-fired-indigenous-micro-missile-system-bhargavastra/">भारत

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