शहर की बदलती आबो–हवा ये बता रही है कि शहर से किताबें गायब हो चुकी हैं
Vinay Bharat रांची (Ranchi) शहर में मेरा बचपन बीता. रवीन्द्रनाथ टैगोर हिल वाला शहर बिग बाज़ार वाले शहर में तब्दील हो गया है. 80’- 90’ के दशक का शहर बनता था, पुस्तकालय से, किताबों से, किताबों की गलियों से, स्कूल की गलियों से. लोग घर का पता बताते थे, तो कहते थे कि फलाना किताब … Continue reading शहर की बदलती आबो–हवा ये बता रही है कि शहर से किताबें गायब हो चुकी हैं
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