दुश्मन अदृश्य नहीं था और न है, पर सरकार जरूर अदृश्य है

Vijay Shankar Singhयह कहना अपनी अक्षमता छुपाना है कि हमारे सामने अदृश्य दुश्मन है. दुश्मन न तो अदृश्य है और न ही उसका पल-पल परिवर्तित वेश ही अदृश्य है. 30 जनवरी 2020 को उस दुश्मन को देख, परख और जान लिया गया था. उसकी फितरत बयां हो गयी थी, पर जनता जहां उस अदृश्य दुश्मन … Continue reading दुश्मन अदृश्य नहीं था और न है, पर सरकार जरूर अदृश्य है