‘ लड़की हूं,लड़ सकती हूं ’ नारा कितना बदल सकेगा पुरूष प्रभुत्व वाली राजनीति का चेहरा

Faisal Anurag ”” बेहतरीन जनतंत्र वह है जहां महिलाएं केवल वोटर नहीं है और न ही केवल मूक दर्शक बल्कि पूरी मुखरता और स्वतंत्रता से अपने विचारों और अधिकारों का इस्तेमाल करने के लिए किसी की मुखापेक्षी न हों.”” इस तरह का लोकतंत्र अब भी सपना है. सदियों के महिला अधिकारों ने अनेक कामयाबियां तो … Continue reading ‘ लड़की हूं,लड़ सकती हूं ’ नारा कितना बदल सकेगा पुरूष प्रभुत्व वाली राजनीति का चेहरा