New Delhi : संसद के मानसून सत्र में लगातार दूसरे दिन लोकसभा में मणिपुर हिंसा की प्रतिध्वनि सुनाई दी और इस मुद्दे पर सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद करीब 12:15 बजे 24 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
नेशनल">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
इंडिया चाहता है , प्रधानमंत्री सदन में आयें
निचले सदन में आज कार्यवाही शुरू होने पर सदन के उपनेता एवं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर इस मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए कहा, हम चाहते हैं कि इस पर सदन में चर्चा हो, लेकिन यहां कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं जो ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि मणिपुर की घटना पर सदन में चर्चा न हो. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दल मणिपुर हिंसा के मामले में अपनी मांग उठाने लगे. कांग्रेस, द्रमुक और वामदलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे. कुछ सदस्यों के हाथों में तख्तियां थी जिन पर लिखा था, इंडिया चाहता है कि प्रधानमंत्री सदन में आयें. कुछ अन्य सदस्य ‘जवाब दो, जवाब दो’ के नारे लगा रहे थे.
ओम बिरला ने कहा, नारे लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों से कहा कि नारे लगाने से समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि यह चर्चा और संवाद से ही होगा. उन्होंने कहा, यह अच्छी बात नहीं है. समाधान केवल चर्चा से ही हो सकता है. विपक्षी दलों के सदस्यों के नारेबाजी जारी रखने के बीच बिरला ने रक्षा मंत्री को अपनी बात रखने को कहा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मणिपुर की घटना पर सरकार संसद में चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष गंभीर नहीं दिखाई पड़ता है. हम चाहते हैं कि इस पर सदन में चर्चा हो, लेकिन यहां कुछ ऐसे राजनीतिक दल हैं जो ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं कि मणिपुर की घटना पर सदन में चर्चा न हो.
विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप नारेबाजी कर रहे थे
सिंह ने कहा, मैं स्पष्ट रूप से यह आरोप लगाना चाहता हूं कि मणिपुर की घटना पर जितना गंभीर होना चाहिए, विपक्ष उतना गंभीर नहीं है. हंगामा नहीं थमने पर बिरला ने 11 बजकर करीब पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. एक बार के स्थगन के बाद 12 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही. पीठासीन सभापति राजेन्द्र अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही आवश्यक कागजात सभापटल पर रखवाये. इस दौरान कांग्रेस, द्रमुक सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे.
यह संवेदनशील मुद्दा है, सदन में चर्चा होनी चाहिए
पीठासीन सभापति अग्रवाल ने कहा कि कल संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और आज सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने अनुरोध किया है और सरकार चर्चा को तैयार है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा आपसे अनुरोध है कि सदन में व्यवस्था बनायें, कृपया अपनी सीट पर जायें. यह संवेदनशील मुद्दा है. सदन में चर्चा होनी चाहिए. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, सरकार चर्चा के लिए तैयार है। हमने बार-बार कहा है. आज राजनाथ सिंह जी ने भी कहा है. पीठासीन सभापति अग्रवाल ने विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर लौटने का अनुरोध किया, लेकिन व्यवस्था बनते नहीं देख उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर 12:15 बजे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी. [wpse_comments_template]
Leave a Comment