राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जोहार’ से की अपने पहले संबोधन की शुरुआत
राष्ट्रपति ने कहा कि जगन्नाथ क्षेत्र के एक प्रख्यात कवि भीम भोई की कविता की एक पंक्ति है: “मो जीवन पछे नर्के पड़ी थाउ, जगत उद्धार हेउ”. अर्थात, अपने जीवन के हित-अहित से बड़ा जगत कल्याण के लिए कार्य करना होता है. उन्होंने कहा कि जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सब के … Continue reading राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जोहार’ से की अपने पहले संबोधन की शुरुआत
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