झूठ की बुनियाद पर महल बनाने की कलाकारी
Nishikant Thakur राजनीति का आधार भावुक मन की निष्कपट भूमि नहीं है. वह बुद्धि के व्यायाम पर चला करती है. संसार कहता है- भाषा भावनाओं को व्यक्त करने का साधन है. राजनीति में यही भाषा मन की वास्तविक भावनाओं को अव्यक्त करने का साधन बनती है. राजनीतिज्ञ का मन जंगली चूहे के बिल जैसा होना … Continue reading झूठ की बुनियाद पर महल बनाने की कलाकारी
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