जगन्नाथपुर मंदिर में 1691 की प्राचीन मूर्तियों की हो रही पूजा, उमड़ रहे श्रद्धालु

Ranchi: धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर श्रद्धा और आस्था का केंद्र बन गया है. इन दिनों यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है, क्योंकि मंदिर परिसर के स्नान मंडप में 1691 ईस्वी में स्थापित दुर्लभ मूर्तियों को दर्शन के लिए रखा गया है. भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और माता सुभद्रा की पारंपरिक स्नान यात्रा के दौरान, जब विग्रहों को एकांतवास में रखा गया है, तब श्रद्धालु इन प्राचीन मूर्तियों के दर्शन कर रहे हैं.

 

प्राचीन मूर्तियों की हो रही है विशेष पूजा

 

मंदिर के प्रमुख पुजारी रामेश्वर पाढ़ी ने बताया कि राधा-कृष्ण की बड़ी मूर्ति, लक्ष्मी, गणेश, शालिग्राम, गरुड़ और सुदर्शन चक्र सहित सभी अष्टधातु से निर्मित मूर्तियां हैं. सभी स्नान मंडप में विराजमान हैं. यही से भक्त दर्शन कर रहे हैं. पूजा-अर्चना कर रहे हैं. श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं व्यक्त कर रहे हैं.

 

हर दिन हो रहा विशेष अनुष्ठान

 

स्नान यात्रा से लेकर नेत्रदान महोत्सव तक, हर दिन मंदिर में विशेष अनुष्ठान हो रहे हैं. सुबह 5 बजे मंदिर के पट खुलते हैं, 6 बजे मंगल आरती होती है. दोपहर 12 बजे भगवान को अन्न भोग अर्पित किया जाता है. 


दोपहर 3 बजे पुनः मंदिर के द्वार खुलते हैं और रात्रि 7:30 बजे आरती के पश्चात मंदिर बंद कर दिया जाता है.सभी मूर्तियां इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं. यहां की प्राचीन मूर्तियां 334 वर्षों से अधिक पुरानी हैं. हर वर्ष स्नान यात्रा के बाद स्नाम मंडप में रख दिया जाता है. इस समय इनका दर्शन भक्तों के लिए अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है.