केंद्र का "वन नेशन, वन वैक्सीन" का नारा विफल, 48 अरब रुपये का पड़ेगा अतिरिक्त खर्च : डॉ उरांव

  • मेडिकल सहायता पहुंचाने को लेकर शनिवार को जिला अध्यक्षों के साथ करेंगे वर्चुअल मीटिंग

Ranchi : वित्त मंत्री और खाद्य आपूर्ति सह प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ. रामेश्वर उरांव ने केंद्र सरकार के वन नेशन-वन वैक्सीन के नारे को पूरी तरह विफल होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है, ऐसे में स्थिति बिगड़ने पर सारी जिम्मेदारियां राज्य सरकार पर छोड़ दी गयी हैं. प्रदेश अध्यक्ष के मुताबिक केंद्र के इस रवैये से झारखंड जैसे पिछड़े राज्य पर 48 अरब रुपये का अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा. इस वित्तीय बोझ के कारण अन्य विकास के कामों पर भी प्रभाव पड़ना तय है. उन्होंने केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर कोयला और पानी के बकाये रॉयल्टी के शीघ्र भुगतान के साथ ही केंद्र सरकार से संकट की इस घड़ी में स्पेशल पैकेज उपलब्ध कराने की भी मांग की.

डॉ. उरांव शुक्रवार को कोरोना संक्रमितों और उनके परिजनों की मदद के लिए पार्टी कार्यालय में बनाये गये कंट्रोल रूम में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना संक्रमण में मेडिकल सहायता पहुंचाने को लेकर वे शनिवार दिन 12:30 बजे जिला अध्यक्षों के साथ वर्चुअल मीटिंग करेंगे.

400 रुपये की दर से करीब 48 अरब रुपये अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा वहन

उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने 18 से 45 वर्ष तक के लोगों को अपने खर्च पर वैक्सीन लेने को कहा है. राज्य में इस आयु वर्ग के करीब 1.47 करोड़ लोग रहते है. इनमें से लगभग 25 लाख लोग यदि अपने खर्च पर टीका लेते है, तब भी 1.20 करोड़ गरीबों को टीका देने के लिए राज्य सरकार को 400 रुपये की दर से करीब 48 अरब रुपये अतिरिक्त खर्च का वहन करना पड़ेगा.

इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी है, बेड की नहीं, केंद्र दे विशेष सहायता

डॉ. उरांव ने कहा कि तीन महीने तक कोरोना संक्रमण के फैलाव की गति धीमी रही. इस दौरान राज्य सरकार ने कार्य योजना बनाकर विकास कामों को गति देने के लिए आगे बढ़ने की कोशिश की, तभी अचानक संक्रमण के कारण स्थिति भयावह हो गयी. उन्होंने कहा कि राज्य में इंजेक्शन और ऑक्सीजन की कमी है, बेड की कोई कमी नहीं है. केंद्र सरकार को इस समय झारखंड को विशेष सहायता उपलब्ध करानी चाहिए.