मेले पर प्रतिबंध लगाने का जिला प्रशासन का निर्णय समझ से परे
दीपिका ने कहा, पूरे राज्य में चाहे रामनवमी का मेला हो या इर्द का मेला, सभी में सरकार द्वारा छूट प्रदान किया जाता रहा है. परंतु जिला प्रशासन का रथे मेले पर पाबंदी लगाना समझ से परे है. अभी हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव प्रक्रिया भी समाप्त हुई है.मेले से हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ा है
रथ यात्रा के अवसर पर लगने वाले मेले से राज्य के 10,000 से 15,000 छोटे कारोबारियों को जीवनयापन का मौका मिलता है. ऐसे में मेले पर प्रतिबंध लगाना उनकी रोजी-रोटी छीनने जैसा है. पिछले 2 वर्षों से मेला नहीं लगने के कारण हजारों की संख्या में कारोबारी ही नहीं मेले से जुड़े हजारों कारीगरों की आर्थिक स्थिति दयनीय हो चुकी है. ऐसे में भक्तों की आस्था एवं राज्य के छोटे कारोबारियों के विषय पर विचार करते हुए भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा में मेला लगाने पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाने पर आवश्यक निर्देश देने पर विचार किया जाए. इसे भी पढ़ें – हाइकोर्ट">https://lagatar.in/high-court-reprimands-senior-ias-officer-avinash-kumar-know-why-he-had-to-appear-physically/">हाइकोर्टने वरीय IAS अधिकारी अविनाश कुमार को लगाई फटकार, जानें क्यों सशरीर होना पड़ा हाजिर [wpse_comments_template]