कोरोना ने ली 34 पुलिसकर्मियों की जान, नहीं मिला 50 लाख का बीमा

Saurav Singh

Ranchi : कोरोना वायरस संक्रमण से आम आदमी जहां चपेट में आ रहे हैं. वहीं राज्य का पुलिस महकमा भी इस संक्रमण से बच नहीं पाया है. पिछले एक साल के दौरान झारखंड पुलिस के 34 पुलिसकर्मियों की कोरोना से मौत हो गई  है. एक साल बाद भी पुलिसकर्मियों को 50 लाख रुपये के बीमा की मांग पर विचार नहीं हो सका है. कोरोना संक्रमण से रांची जिला में 04, सिमडेगा में 01, खूंटी में 01, गुमला में 02, जमशेदपुर में 04 कोडरमा में 01, गिरिडीह में 01 देवघर में 01, रेल धनबाद में 01, जैप दो में 01, जैप 4 में 01, जैप 6 में 01, आईआरबी 2 में 02, सैफ 1 में 02,  एसटीएफ में 02, पुलिस मुख्यालय में 02, स्पेशल ब्रांच में 05 और एसीबी में पोस्टेड दो पुलिस कर्मियों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है.

जानें किन- किन पुलिस कर्मियों की हुई कोरोना से मौत

लव कुश सिंह, इश्तियाक अहमद, सुषमा टोप्पो, धर्मेंद्र टोप्पो, बिरेंद्र डुंगडुंग, सूरज नाग, बंधु मिंज, फूलचरण मुखी, विजय शंकर सिंह, अनिल कुमार यादव, सुरेंद्र हेंब्रम, चक्रपाणि पूर्ति, विजय कुमार टोप्पो, धनेश्वर राम, सिरिल हेंब्रम, जफरू जमा, नरेंद्र चौबे, सुरेश पासवान, रंजीत कुमार, हरिचंद्र सवैया, मो एजाज, रामशंकर यादव, जुनास हेंब्रम, किशोर कुमार, रोबिन मुंडा, पुलिस मुख्यालय के पुलिसकर्मी रविकांत भूषण, संतोष कुमार साव, जगदेव भगत, संदीप पीटर खलखो, वीरेंद्र दीक्षित, अरविंद सिंह और सुशांत झा की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई.

पुलिस के सामने दोहरी चुनौतियां

कोरोना से बचने के लिए जारी लड़ाई में झारखंड पुलिस की भूमिका अहम रही है. इस दौरान पुलिस के सामने दोहरी चुनौतियां हैं. कोरोना में सबसे पहले तो कानून का पालन कराना अहम है. जबकि उस माहौल में असामाजिक तत्वों से निपटना भी एक बड़ी चुनौती है. क्योंकि कई पुलिसकर्मी इस दौरान कोरोना संक्रमित हो गये हैं. ऐसे में खुद को बचाते हुए लोगों को भी संक्रमण से बचाने की बड़ी जिम्मेवारी है. पुलिकर्मियों के सामने एक ओर जहां अपना काम बखूबी निभाने की जिम्मेदारी है. वहीं दूसरी ओर जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की भी चुनौती है.

चरणबद्ध आंदोलन करेगा झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश पांडे ने कहा कि जो भी पुलिसकर्मी कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम करते हुए अपनी जान की आहुति दिए हैं, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि. सरकार आज भी उनके आश्रितों को सरकारी मिलने वाली सुविधा नहीं दिलाई है, और नहीं कोरोना वॉरियर के रूप में 50 लाख का बीमा का लाभ दिया है. हम पुलिसकर्मियों के लिए यह बहुत दुखद है. इतनी कठोर सेवा और कोरोना वॉरियर के रूप में सर्वोच्च देने के बाद भी आज हम अपने छुट्टी और परिवार के देखरेख से वंचित हैं. मानवीय धर्म का पालन करते हुए कोरोना काल में पुलिस मेंस एसोसिएशन कदम नहीं उठा रही है. जैसे ही आपदा खत्म होगी झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन अपने सदस्यों के मांगों को लेकर कठोर निर्णय लेते हुए चरणबद्ध आंदोलन करेगी.

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