हाईकोर्ट से जमानत के बावजूद लालू प्रसाद को रिहाई के लिए करना होगा और इंतजार

राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को रिहाई के लिए दो मई तक इंतजार करना होगा. आपको बता दें कि 18 अप्रैल को झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद परिवार और पार्टी के लोगों को उम्मीद थी कि उनके नेता की रिहाई अब जल्द होगी. लेकिन लालू प्रसाद यादव के चाहने वालों को अभी इसके लिए और इंतजार करना होगा. दरअसल जमानत की शर्तों के अनुसार जेल से रिहाई के लिए उन्हें बॉंड भरना जुरुरी है. लेकिन कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रविवार को बार काउंसिल की बैठक में वकीलों ने 2 मई तक कोर्ट की कार्यवाही से भाग लेने से खुद को अलग रखने का निर्णय लिया है. हालांकि कोविड से जुड़े मामलों की ऑनलाइन सुनवाई की छूट दी गई है. पहले ये व्यवस्था जमानत मिलने के दूसरे दिन से 24 अप्रैल तक के लिए थी. लेकिन रविवार को हुई बार कॉउंसिल की बैठक में इसे एक सप्ताह के लिए और आगे बढ़ा दिया गया. ऐसे में लालू प्रसाद यादव की रिहाई में अभी और समय लगेगा.

आपको बता दें कि जेल में बंद लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाला के मामले में जमानत झारखंड हाईकोर्ट से मिली है. हालांकि चारा घोटाले से जुड़े एक और मामले में केस लोअर कोर्ट में लंबित है. जमानत मिलने के बाद लोगों को उम्मीद थी कि लालू प्रसाद यादव जेल से बाहर जल्द आएंगे. लेकिन बार कॉउंसिल के कोर्ट के कार्यवाही में हिस्सा लेने से खुद को अलग करने के निर्णय के बाद रिहाई का मामला आगे टल गया है. सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को ये जमानत अपनी आधी सजा पूरी करने के कंडीशन पर शर्तों के साथ मिली है.

आपको बता दें कि चारा घोटाले के तीन मामलों में लालू प्रसाद यादव पिछले सवा तीन साल से अधीक समय से जेल में बंद हैं. हालांकि कि उनकी उम्र और खराब स्वास्थ्य को देखते हुए सरकार ने उन्हें दिल्ली एम्स में बेहतर इलाज के लिए शिफ्ट किया है. अभी वर्तमान समय में लालू प्रसाद यादव दिल्ली एम्स में चिकित्सकों की निगरानी में हैं. हालांकि इस कोविड काल में परिवार और पार्टी के लोग लालू प्रसाद यादव को अपने पास देखना चाहते हैं.  लेकिन उनकी जमानत पर रिहाई में हो रही देरी से परिवार एवं पार्टी के लोग फिलहाल निराश हैं.