Dhanbad : सरना धर्मकोड लागू करने की मांग जोर पकड़ने लगी है. आदिवासी समुदाय की धार्मिक पहचान और अधिकारों को मान्यता दिलाने की मांग को लेकर सोनोत संथाल समाज ने शुक्रवार को धनबाद के रणधीर वर्मा चौक पर जोरदार प्रदर्शन किया. इससे पूर्व समाज के लोगों ने विशाल जुलूस निकाला. जुलूस शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए रणधीर वर्मा चौक पहुंचा, जहां धरना दिया गया. प्रदर्शन में आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग पारंपरिक वेश-भूषा में ढोल-नगाड़े और तीर-धनुष के साथ शामिल हुए.
धरना स्थल पर सोनोत संथाल समाज के नेता रमेश टुडू व रतिलाल टुडू ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारा समुदाय वर्षों से सरना धर्म कोड की मांग कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार इसे नजरअंदाज करती आ रही है. जनगणना का समय नजदीक है. ऐसे में आदिवासी समुदाय के लिए अलग धर्मकोड नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है.उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और जल, जंगल, जमीन, नदी और पहाड़ को ईश्वर के रूप में पूजता है. बावजूद इसके उनकी धार्मिक पहचान को सरकारी दस्तावेजों में जगह नहीं दी जा रही है.
प्रदर्शनकारियों ने साफ कहा कि यह आंदोलन किसी राजनीतिक उद्देश्य से नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता, संस्कृति और अधिकारों की रक्षा के लिए किया जा रहा है. धरना-प्रदर्शन में कई महिला संगठन, युवा समूह और आदिवासी सांस्कृतिक दल के लोग भी शामिल हुए.