New Delhi : आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया. 30 नवंबर 1949 से ही उसने डॉ. अंबेडकर, नेहरू और संविधान निर्माण से जुड़े अन्य लोगों पर हमले किये. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह कहते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर भाजपा-आरएसएस पर हमला किया.
आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया। 30 नवंबर 1949 से ही उसने डॉ. अंबेडकर, नेहरू और संविधान निर्माण से जुड़े अन्य लोगों पर हमले किए। स्वयं आरएसएस के शब्दों में, यह संविधान मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 27, 2025
आरएसएस और बीजेपी ने बार-बार नए संविधान की मांग… pic.twitter.com/NLhH6IbpFO
उन्होंने लिखा कि आरएसएस ने बाबासाहेब और नेहरू का अपमान किया है. उन्होंने पोस्ट में लिखा, आरएसएस ने कभी भी भारत के संविधान को स्वीकार नहीं किया है. आरएसएस के अनुसार संविधान मनुस्मृति से प्रेरित नहीं था.
दरअसल आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने गुरुवार को आपातकाल पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा था कि ये शब्द (समाजवादी और सेक्युलर) बाबासाहेब आंबेडकर के बनाये गये संविधान का हिस्सा नहीं थे.
होसबोले ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने जो संविधान बनाया, उसकी प्रस्तावना में यह शब्द कभी नहीं थे. आपातकाल के दौरान जब मौलिक अधिकार निलंबित कर दिये गये, संसद काम नहीं कर रही थी, न्यायपालिका पंगु हो गयी थी, तब यह शब्द जोड़े गये थे.
होसबोले ने कहा कि इन शब्दों को प्रस्तावना में रहना चाहिए या नहीं इस पर विचार किया जाना चाहिए. प्रस्तावना शाश्वत है. क्या समाजवाद के विचार भारत के लिए एक विचारधारा के रूप में शाश्वत हैं? दत्तात्रेय होसबोले ने कांग्रेस और राहुल गांधी का नाम लिये बिना उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन लोगों ने आपातकाल लगाया था, वे आज संविधान की प्रतियां लेकर घूम रहे हैं.
जयराम रमेश ने होसबोले के भाषण के संदर्भ में लिखा कि संविधान की मूल ढांचे को बदलने की मांग लगातार आरएसएस इकोसिस्टम द्वारा की जाती रही है. तत्कालीन सीजेआई ने 25 नवंबर 2024 को उसी मुद्दे पर एक फैसला सुनाया था, जिसे अब एक प्रमुख आरएसएस पदाधिकारी द्वारा फिर से उठाया जा रहा है.
रमेश ने पूछा कि क्या वे कम से कम उस फैसले को पढ़ने का कष्ट करेंगे. उन्होंने पोस्ट के साथ कोर्ट के फैसले की प्रतिलिपि भी साझा की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस और भाजपा साजिश के तहत संविधान को खत्म करना चाहते हैं.