जालसाजी करने वाले DJN ग्रुप पर ED ने कसा शिकंजा, 33.74 लाख की संपत्ति अटैच

Ranchi: निवेशकों से करोड़ों रुपये की जालसाजी कर फरार होने वाले डीजेएन ग्रुप की 33.74 लाख रुपये की चल और अचल संपत्ति प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने अटैच कर ली है. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत की है. ईडी ने मंगलवार को कार्रवाई करते हुए सदर थाना क्षेत्र के डुमरदगा स्थित श्री नारायण एनक्लेव फेस- 2 में जितेंद्र मोहन के 1338 स्क्वायर फीट का एक फ्लैट जब्त किया है. [caption id="attachment_146585" align="aligncenter" width="728"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/08/111-2-300x225.jpg"

alt="" width="728" height="546" /> ईडी ने अटैच प्रॉपर्टी पर लगाया गया नोटिस[/caption]

पहले भी ईडी ने डीजेएन ग्रुप की 1.66 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी

इससे पहले 2 जनवरी 2020 को डीजेएन ग्रुप की 1.66 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति ईडी की टीम ने जब्त की थी. ईडी ने यह कार्रवाई मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत की थी. जब्त संपत्ति में गढ़वा, लातेहार व रांची जिले में ग्रुप की जमीन व अचल संपत्ति के अलावा इस ग्रुप के 14 बैंक खातों में रखे 5.73 लाख रुपये नकद व पांच गाडिय़ां, जिसकी कीमत 59.57 रुपये की चल संपत्ति शामिल थी. जब्त संपत्ति डीजेएन ग्रुप के जितेंद्र मोहन, विशाल कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार, मेसर्स डीजेएन ज्वेलर्स, राम किशुन ठाकुर व डीजेएन ग्रुप की सहयोगी संस्थाओं से संबंधित थे. इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-adivasi-sengel-campaign-accuses-hemant-sarkar-of-being-anti-tribal/">जमशेदपुर

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रांची के लालपुर थाने में दर्ज प्राथमिकी की जांच कर रही ईडी

ईडी ने रांची के लालपुर थाने में 220/2016 में दर्ज केस व चार्जशीट के बाद मनी लाउंड्रिंग एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू की थी. यह केस जितेंद्र मोहन सिन्हा, विशाल कुमार सिन्हा, प्रशांत कुमार सिन्हा व इवाटोली के संतोष के विरुद्ध दर्ज था. ईडी ने जांच में पाया कि मेसर्स डीजेएन कमोडिटिज विशाल कुमार सिन्हा की मुंबई स्थित एमसीएक्स से पंजीकृत थी. इस कंपनी के निदेशकों ने एक साजिश के तहत मिलजुलकर निवेशकों के साथ धोखाधड़ी की. इन लोगों ने डीजेएन कमोडिटिज के नाम से एक ऑफलाइन बिजनेस शुरू किया और लोगों को ठगा. डीजेएन कमोडिटिज (ऑफलाइन) ने निवेशकों से रुपयों को ऑनलाइन बिजनेस के नाम पर जमा करवाया. यह झांसा दिया कि प्रति माह उच्च ब्याज देंगे. इसके बाद निवेशकों के पैसे को लेकर फरार होने की कोशिश की और पकड़े गए. इस मामले में अनुसंधान अभी भी जारी है. इसे भी पढ़ें-पहले">https://lagatar.in/hemant-sarkar-starts-stalled-industries-first-then-thinks-on-bringing-new-ones-babulal-marandi/">पहले

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