ईडी ने 730 करोड़ के GST घोटाले में 4 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया

Ranchi: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 730 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले में चार लोगों के खिलाफ आरोप पत्र (Prosecution Complain) दायर किया. आरोपित लोगों में घोटाले का मास्टर माइंड शिव कुमार देवड़ा उसका बेटा मोहित देवड़ा के अलावा अमित गुप्ता और अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया. 


इन लोगों पर 135 कागजी कंपनियों के सहारे फर्जी 5000 करोड़ का फर्जी व्यापार दिखा कर 730 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) लेने और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया है.


ईडी ने आठ मई को जीएसटी घोटाले से जुड़े लोगों के रांची, जमशेदपुर और कोलकाता स्थिति ठिकानों पर छापा मारा था. जमशेदपुर से व्यापारी अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया, कोलकाता से शिवकुमार देवड़ा, मोहित देवड़ा और अमित गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था. 


ईडी ने जांच के दौरान पाया कि इन अभियुक्तों ने बिना वास्तविक व्यापार के ही जीएसटी बिल अपने ही द्वारा बनायी गयी शेल कंपनियों के नाम जारी किया और आइटीसी का गलत लाभ लिया. जांच में पाया गया कि इन कागजी कंपनियों में जीएसटी घोटाले से जुड़े लोगों ने फर्जी निदेशक भी बना रखा था. कुछ कंपनियों में खुद भी निदेशक थे. 


हालांकि सभी कंपनियों का नियंत्रण उन्हीं लोगों के पास था. आरोपित व्यापारियों ने गलत तरीके से आइटीसी का लाभ लेने के लिए 5000 करोड़ रुपये फर्जी व्यापार का बिल जारी किया था.


जीएसटी घोटाले में छापेमारी के दौरान नौ लाख रुपये नकद जब्त किये गये थे. इसके अलावा जीएसटी घोटाले में आइटीसी का गलत लाभ लेने के लिए बनाये गयी 135 कंपनियों के खातों में जमा 63 लाख रुपये जब्त किये गये. 


जालसाजी कर आइटीसी का गलत लाभ लेकर मनी लॉन्ड्रिंग के साहरे खरीदी गयी 5.30 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति भी जब्त कर ली गयी है. जीएसटी घोटाले में आगे की जांच जारी है.

 

 GST इंटेलिजेंस द्वारा की गयी कार्रवाई के आलोक में ईडी ने जांच शुरू की 


डायरेक्ट्रेट जेनरल ऑफ गुड्स एंड सर्विस टैक्स इंटेलिजेंस (डीजीजीआइ) ने इन व्यापारियों के ठिकानों पर वर्ष 2023 में छापा मारा था. डीजीजीआइ ने जांच के दौरान इन व्यापारियों द्वारा फर्जी बिल के सहारे 734 करोड़ रुपये के जीएसटी घोटाले के अंजाम देने का मामला पकड़ा था. 


छापेमारी के दौरान मिले दस्तावेज के आधार पर जमशेदपुर के व्यापारी अमित अग्रवाल उर्फ विक्की भालोटिया को दिसंबर 2023 में गिरफ्तार किया था. शिव कुमार देवड़ा को अप्रैल 2024 में, अमित गुप्ता व सुमित गुप्ता को अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया था. डीजीजीआइ की टीम विवेक नारसरिया को गिरप्तार करने उसके घर पर पहुंची थी. लेकिन वह टीम के पहुंचने के पहले ही घर से गायब हो गया था. 


डीजीजीआइ ने नारसरिया पर 14 करोड़ रुपये की वसूली के लिए दावा किया है. क्षेत्र के मामले में उभरे विवाद के बाद हाईकोर्ट ने नारसरिया द्वारा की गयी गड़बड़ी की जांच राज्य सरकार को सौंप दी. डीजीजीआइ ने हाइकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.