Ranchi : बोकारो (Bokaro) जिले में यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया के चास ब्रांच (Chas Branch) से पांच करोड़ रुपये कर्ज लेने वाले 12 में से 11 लोग लापता है. सिर्फ कुलदीप साव को फर्जी दस्तावेज के सहारे कर्ज लेने के इस मामले में गिरफ्तार किया जा सका. कुलदीप ने जमानत के तौर पर चंद्रदीप के नाम की सेल डीड गिरवी रखी थी. जांच के दौरान सेल डीड फर्जी पायी गयी. लेकिन चंद्रदीप ने यह जमीन किसी संजय कुमार को बेच दी और संजय के नाम पर म्यूटेशन भी हो गया.
बैक प्रबंधन द्वारा दर्ज करायी गयी इस जालसाजी की जांच के दौरान सभी 12 कर्जदारों द्वारा गिरवी रखी गयी सेल डीड फर्जी पायी गयी. जिससे गिरवी रखी गयी जमीन की नीलामी कर कर्ज के रकम की वसूली नहीं की जा सकी. कुलदीप साव द्वारा कर्ज की रकम नहीं चुकाने पर बैंक ने चंद्रदीप के सेल की फर्जी पाया. हालांकि चंद्रदीप ने इस सेल डीड की जमीन संजय कुमार को बेच दी. इसके बाद म्यूटेशन केस नंबर 942/2025-26 के सहारे संजय कुमार के नाम पर म्यूटेशन भी कर दिया गया.
चंद्रदीप कुमार को हाईकोर्ट ने जमीन हड़पने वाले के रूप में चिह्नित किया था. साथ ही जालसाजों से सरकारी जमीन को बचाने क लिए एसओपी बनाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट के इस आदेश के आलोक में राज्य सरकार ने एसओपी भी बना कर लागू किया जा चुका है.
फर्जी दस्तावेज पर कर्ज लेनेवाले
कुलदीप साव
मेसर्स ए वन टेक्सटाईल के नाम पर कुलदीप साव ने 39.80 लाख रुपये कर्ज लिया. चंद्रदीप के नाम की सेल डीड (डीड नंबर 7439, दिनांक 19-3-2019) गिरवी रखी. कर्ज नहीं चुकाने पर बैंक ने जमीन बेचने की कोशिश की, तब डीड फर्जी पाया गया. डीड में दर्ज प्लॉट नंबर गमिया कोईरिन और सालू कोइरिन के नाम पायी गयी. कर्ज की रकम बढ़ कर 55.97 लाख रुपये हो गयी है.
शशि भूषण तिवारी
मेसर्स सी.एस. इंटरप्राजेज के नाम पर शशि भूषण तिवारी ने 40 लाख रुपये कर्ज लिया. चिरंजी लाल के नाम की जमीन ( डीड नंबर 369, दिनांक 13-2-1015) गिरवी रखी. जांच में सेल डीड फर्जी पायी गयी. कर्ज की रकम 56.45 लाख रुपये हो गयी है.
चिरंजी लाल अग्रवाल
25 जनवरी 2014 को चिरंजी लाल अग्रवाल ने 40 लाख रुपये कर्ज लिया. अग्रवाल ने क्रेडिट गारंटर फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज (CGTMSE) के तहत दुकान खोलने के लिए कर्ज लिया था. कर्ज नहीं चुकाने पर जांच में पाया गया कि चिरंजी लाल अग्रवाल का पता फर्जी है.
जय किशन कुमार
लक्ष्मी फ्लोर एंड स्पाईस मिल के नाम पर जय किशन कुमार ने 30.00 लाख रुपये कर्ज लिया. जमानत के तौर पर जमीन (डीड संख्या 7219 दिनांक 30-3-2013) गिरवी रखी. जमीन का दस्तावेज फर्जी है.
प्रकाश गिरी
जमीन गिरवी रख कर प्रकाश गिरी ने 40.00 लाख रुपये कर्ज लिया. कर्ज के बदले अपनी ही जमीन (डीड 13024, दिनांक 3-12-2014) गिरवी रखी. कर्ज की रकम बढ़ कर 60.92 लाख रुपये हो गयी है. जमीन का दस्तावेज फर्जी है.
अमरेंद्र कुमार
जमीन गिरवी रख कर अमरेंद्र कुमार ने 30.85 लाख रुपये कर्ज लिया. अपनी ही जमीन (डीड-11319 दिनांक 25-2-2019) गिरवी ऱखी. सेल डीड फर्जी पायी गयी. कर्ज की रकम 46.01 लाख हो गयी है.
राहुल कुमार
खुद को एक कंपनी का मालिक बताकर राहुल कुमार ने 36.00 लाख रुपये कर्ज लिया. कर्ज लेते वक्त उसने खुद को आरके ट्रेडर्स का मालिक बताया. पिता के नाम की जमीन गिरवी रखी. कर्ज नहीं चुकाया. दस्तावेज फर्जी पाया गया.
मनीष कुमार तिवारी
जमीन का फर्जी कागजात बैंक को देकर मनीष कुमार तिवारी ने 39.95 लाख रुपये कर्ज लिया. कर्ज लेते वक्त उसने खुद को मेसर्स शंकर सप्लायर्स का मालिक बताया. गिरवी रखी गयी जमीन का दस्तावेज (डीड-2687, दिनांक 17-6-2015) फर्जी पायी गयी. कर्ज की रकम बढ़ कर 57.27लाख रुपये हो गयी है.
नीलम अग्रवाल
चिरंजी लाल अग्रवाल की बेटी नीलम अग्रवाल ने मेसर्स शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम से 30.00 लाख रुपये कर्ज लिया. गारंटर के रूप मे बैंक में जमा डीड संख्या 68 दिनांक 31-3-2005 फर्जी पायी गयी.
लोकेश कुमार गुप्ता
लोकेश कुमार गुप्ता ने 39.95 लाख रुपये कर्ज लिया. खुद को शंकर स्टील नामक व्यापारिक संस्थान का मालिक बताया. अपने ही नाम की जमीन गिरवी रखी. कर्ज नहीं चुकाने पर जमीन बेचने की कोशिश के दौरान डीड फर्जी पायी गयी. कर्ज बढ़ कर 55.69 लाख रुपये हो गया है.
चंद्रिका प्रसाद
खुद को मेसर्स सोनू सिरमन ज्वेलर्स का मालिक बताकर बैंक से 39.33 लाख रुपये कर्ज लिया. लोन नहीं चुकाने पर जब बैंक ने जांच की, तो गिरवी रखी गयी जमीन के दस्तावेज फर्जी पाये गये.
सुधीर कुमार
खुद को मेसर्स स्वर्ण काला साड़ी का मालिक बता कर सुधीर कुमार ने बैंक से 40 लाख रुपये कर्ज लिया. अपने ही नाम की फर्जी डीड गिरवी रखी. कर्ज की रकम बढ़ कर 60 लख रुपये हो गयी है.