एयरपोर्ट व हवाई जहाजों में खामियां उजागर, कैसे तय हो सुरक्षित हवाई यात्रा !

Lagatar Desk : अहमदाबाद में 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट दुर्घटना के बाद डाइरेक्टर जेनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने देश के तमाम हवाई अड्डों और जहाजों की जांच की. जांच में जो खामियां सामने आयी हैं, वह गंभीर है. टायर तक घिसे हुए मिले हैं. वहीं एयरपोर्ट के रनवे पर लाइट कमजोर होने के तथ्य सामने आये हैं.

 

बड़ी लापरवाही


घिसे हुए टायर - जांच में एक घरेलू उड़ान के विमान के टायर घिसे हुए पाए गए, जिसके कारण उड़ान रद्द करनी पड़ी. विमानों के रखरखाव में यह बड़ी लापरवाही को दर्शाता है. 

 

तकनीकी खराबी - कुछ विमानों में तकनीकी खराबियां पाई गईं. सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि तकनीकी खराबी रहते हुए ही विमानों को उड़ाने की कोशिश की गई. 

 

क्रू शेड्यूलिंग में लापरवाही - DGCA ने जांच में पाया है कि एयर इंडिया में क्रू शेड्यूलिंग, लाइसेंसिंग और पायलटों के लिए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों का पालन नहीं हुआ. डीजीसीए ने एयर इंडिया के तीन क्रू शेड्यूलिंग अधिकारियों को तत्काल हटाने का आदेश दिया है. 

 

हवाई अड्डों की स्थिति


रनवे की खराब हालत - डीजीसीए की जांच में पाया गया है कि दिल्ली, मुंबई और अन्य प्रमुख हवाई अड्डों पर रनवे की स्थिति खराब है. रिपोर्ट के मुताबिक, विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के लिए खतरा बन सकता है.

 

बिना रिकॉर्ड की इमारतें - जांच में यह पाया गया है कि कई हवाई अड्डों के आसपास ऐसी इमारतें मौजूद हैं, जिनका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है. ऐसी इमारतें नेविगेशन और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है. 

 

विमान संचालन और सुरक्षा मानकों में लापरवाही


* DGCA की सर्वेलांस रिपोर्ट में विमान संचालन और सुरक्षा मानकों में कई खामियां पाई गईं. इसमें रखरखाव की कमी और सिस्टम की कमजोरियां शामिल हैं. 


* DGCA ने जांच में पाया है कि एयर इंडिया ने 16 व 17 मई को बैंगलुरु से लंदन के लिए पायलटों को उड़ान भरने दिया, जबकि दोनों उड़ानों के पायलट FDTL नियमों से अधिक समय तक उड़ान भर चुके थे. डीजीसीए ने इसके लिए एयर इंडिया को नोटिस भेजा है. 

 

आगे क्या 


नई ऑडिट व्यवस्था - अहमदाबाद दुर्घटना के बाद डीजीसीए ने बड़े स्तर पर विमानों व एयरपोर्ट की जांच व ऑडिट करने का फैसला लिया है. ताकि भविष्य में अहमदाबाद जैसी दुर्घटना ना हो. 

 

डीजीसीए खुद कमजोर


इन सबके बीच एक तथ्य यह भी है कि डीजीसीए खुद एक कमजोर संस्था बन चुकी है. सरकार ने कई सालों से डीजीसीए में कर्मियों की नियुक्ति नहीं की. स्वीकृत पदों के मुकाबले 53 प्रतिशत पद रिक्त हैं. 


जबकि पिछले कुछ सालों में देश में कई नए एयरपोर्ट खुले और विमानों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या भारत सरकार एयर ट्रेवल को सुरक्षित बनाने को लेकर शायद गंभीर ही नहीं है.