जब सुप्रीम कोर्ट कह रहा था - देश में हेल्थ इमरजेंसी, तब देश के गृह मंत्री बंगाल में रैली कर रहे थे

Girish Malviya

आज देश में कोरोना के 3.32 लाख से ज्यादा केस आए हैं. यह एक दिन में किसी भी देश मे आये केसेस का वर्ल्ड रिकॉर्ड है. कई राज्यों में अस्पतालों में ऑक्सीजन 2 से 4 घंटे की भी नहीं बची है. ऐसे में देश का गृहमंत्री अमित शाह क्या कर रहा है !

दो दिन पहले किसी टीवी चैनल के रिपोर्टर ने पूछा कि आप रैलियां क्यों कर रहे है. आप दूसरी पार्टियों की तरह इसे कैंसल क्यों नहीं कर रहे ? तो अमित शाह का जवाब था चुनाव प्रचार करना हमारा संवैधानिक अधिकार है.

ठीक बात है !....यह आपका संवैधानिक अधिकार है. लेकिन देश का गृहमंत्री होने के कारण आपकी ड्यूटी पहले देश के प्रति है. अब तो यह समझ नहीं आ रहा कि यह बात किसी को कहने की जरूरत ही क्यों पड़नी चाहिए !

अब यदि ऐसे संकट के समय आपकी ( गृह मंत्री की ) प्राथमिकता किसी राज्य विशेष की कुछ विधानसभा सीटें जीतना है, तो हमें गृह मंत्री की समझ पर अफ़सोस नहीं होता है. हमें उस 38 प्रतिशत जनता की समझ पर अफसोस होता है, जिन्होंने ऐसे व्यक्ति को इस गद्दी पर बिठाने के लायक समझा.

देश की 38 प्रतिशत जनता ऐसा ही गृहमंत्री और प्रधानमंत्री डिज़र्व करती है. पर दुख की बात यह है कि बची हुई 62 प्रतिशत जनता को भी 38 प्रतिशत द्वारा किये गए घोर पाप की सजा भोगनी पड़ रही है.

डिस्क्लेमर : ये लेखक के निजी विचार हैं.