Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने झारखंड में प्रतिनियुक्त अर्द्ध सैनिक बलों के विरुद्ध झारखंड सरकार के यहां बकाया 13299 करोड़ रुपये की राशि को माफ करने का आग्रह किया है.
!!customEmbedTag!!https://lagatar.in/dhanbad-two-vehicles-running-on-same-registration-number!!customEmbedTag!!
नक्सल विरोधी अभियान में झारखंड की भूमिका
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि झारखंड सरकार नक्सल विरोधी अभियान में पूरी तत्परता से काम कर रही है और अब तक राज्य में 400 लोग शहीद हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि नक्सलियों के सफाये के लिए केंद्र सरकार की भी जिम्मेदारी है और सहकारी संघवाद के सिद्धांत के तहत इस राशि को माफ किया जाना चाहिए.
वित्तीय बोझ और जन कल्याणकारी योजनाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि इतनी बड़ी राशि की अदायगी करने से झारखंड पर वित्तीय बोझ काफी बढ़ जाएगा और इससे जन कल्याणकारी योजनाएं प्रभावित होंगी. उन्होंने कहा कि झारखंड के विकास और जन कल्याणकारी योजना के सफल संचालन की जिम्मेवारी केंद्र सरकार की भी बनती है.
केंद्र सरकार से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह झारखंड के विकास और जन कल्याणकारी योजनाओं को गति देने में सहयोग करे और इस राशि को माफ करे. उन्होंने कहा कि इससे झारखंड की वित्तीय स्थिति में सुधार होगा और राज्य सरकार को जन कल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक संचालित करने में मदद मिलेगी।
एसआरइ फंड की कमी के प्रभाव
एसआरइ फंड की कमी के कारण नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस की गश्त तक प्रभावित हो रही है. इस फंड का उपयोग नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कार्रवाई और विकास कार्यों के लिए किया जाता था. अब केंद्र से राशि न मिलने के कारण पुलिस के पास वाहन, पेट्रोल और डीजल की कमी हो गई है, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस का मूवमेंट लगभग बंद हो गया है
वित्तीय वर्षों में प्राप्त राशि
• वित्तीय वर्ष 2021-22: 84.45 करोड़ रुपये
• वित्तीय वर्ष 2022-23: 60.95 करोड़ रुपये
• वित्तीय वर्ष 2023-24: 102.2 करोड़ रुपये
• वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के लिए राशि नहीं मिली