आम्रपाली परियोजना में अवैध वसूली :  चतरा पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप, DGP से की गई शिकायत

Chatra/Ranchi :  झारखंड के चतरा जिले के टंडवा स्थित आम्रपाली परियोजना में हर दिन लाखों रुपये की अवैध वसूली का मामला सामने आया है. ट्रक मालिकों ने आरोप लगाया है कि इस संबंध में टंडवा थाना में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है, जिसके बाद उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से शिकायत की है. शिकायत में कहा गया है कि पिछले कई महीनों से आम्रपाली परियोजना में एक फर्जी वाहन मालिक संघ सक्रिय है, जो प्रत्येक ट्रक से 500 से 800 रुपये की अवैध वसूली कर रहा है. यह वसूली प्रतिदिन 2 से 3 लाख रुपये तक पहुंच जाती है.

 

कई जगहों पर लिखित आवेदन दिया, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई

ट्रक मालिकों ने बताया कि 11 जून को उन्होंने सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया था कि वे कोई पैसा नहीं देंगे, लेकिन इसके बावजूद भी जबरन गाड़ियों को रोककर वसूली की जा रही है. ट्रक मालिकों ने इस संबंध में टंडवा थाना, पुलिस अनुमंडल टंडवा, पुलिस अधीक्षक चतरा, महाप्रबंधक आम्रपाली और परियोजना पदाधिकारी आम्रपाली को लिखित आवेदन दिया है. हालांकि इतने दिन बीत जाने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ट्रक मालिकों में भारी निराशा और आक्रोश है.

 

अवैध वसूली का बदला तरीका लोडर स्लिप' का दुरुपयोग 

डीजीपी को की गई शिकायत में अवैध वसूली के तरीके में आए बदलाव का भी खुलासा किया गया है. पहले आम्रपाली परियोजना में सीसीएल (कोल इंडिया लिमिटेड) द्वारा लोडर स्लिप जारी की जाती थी. लेकिन, जब से यह अवैध वसूली शुरू हुई है, लोडर स्लिप का वितरण फर्जी वाहन मालिक संघ के हाथों में दे दिया गया है. शिकायत के अनुसार, 10 से 15 लोगों का एक गिरोह बनाकर वसूली की जाती है. लोडर स्लिप को इनके हाथ में सौंपने का मुख्य कारण वसूली को आसान बनाना है. जो गाड़ियां पैसा नहीं देती हैं, उन्हें लोडर स्लिप नहीं दी जाती है, जिसके कारण उनकी गाड़ियां लोड नहीं हो पाती हैं. ट्रक मालिकों का कहना है कि वे इस स्थिति के कारण काफी परेशान हैं और उन्हें अपनी गाड़ियों के संचालन में अत्यधिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. उनका यह भी मानना है कि इस अवैध वसूली में सीसीएल और स्थानीय थाना की मिलीभगत है.

 

एनआईए की कार्रवाई के बाद फिर से वसूली शुरू 

उल्लेखनीय है कि आम्रपाली कोल परियोजना अपने शुरुआती दिनों से ही अवैध गतिविधियों, भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामलों को लेकर सुर्खियों में रही है. पूर्व में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा कुछ मामलों में कार्रवाई की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप कुछ समय के लिए अवैध वसूली पर लगाम लग गई थी. हालांकि एक बार फिर आम्रपाली परियोजना में एक संगठित गिरोह द्वारा प्रत्येक ट्रक से प्रतिदिन वसूली शुरू कर दी गई है.