लातेहारः मनिका ब्लॉक के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षा की भयावह स्थिति- ज्यांद्रेज

Latehar : प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. ज्यांद्रेज ने कहा कि लातेहार जिले के मनिका प्रखंड के 40 एकल-शिक्षक प्राथमिक वि‌द्यालयों में शिक्षा व्यवस्था की भयावह स्थिति है. माको डाक बंगला में बुधवार को आयोजित प्रेसवार्ता में प्रो. ज्यांद्रेज ने कहा कि जनवरी से मार्च 2025 में मनरेगा सहायता केंद्र, मनिका के सर्वेक्षण के दौरान प्राप्त निष्कर्षों ने यह स्पष्ट किया है कि इन वि‌द्यालयों में RTE-2009 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन हो रहा है और वंचित समुदायों के बच्चों के भविष्य को संकट में डाला जा रहा है. सबसे गंभीर विषय शिक्षकों की भारी कमी है. कुल 40 वि‌द्यालयों में केवल 40 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि छात्रों की संख्या और आरटीई मानकों के अनुसार कम से कम 99 शिक्षकों की आवश्यकता थी. लगभग 87.5% शिक्षक कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त हैं, जिन्हें न तो स्थायी वेतन मिलता है और न ही कोई सामाजिक सुरक्षा प्राप्त है. महिला शिक्षकों की संख्या मात्र 15% है, जिससे छात्राओं के लिए सुरक्षित एवं संवेदनशील वातावरण का अभाव स्पष्ट देखा गया.

उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता भी अत्यंत चिंताजनक है. इन स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति काफी कम पाई गई औसतन 1/3 छात्र ही उपस्थिति में मिले. यह स्थिति शिक्षा के प्रति घटते विश्वास को दर्शाती है. कक्षा 5 तक के अधिकतर छात्र बुनियादी साक्षरता व गणना कौशल में कमजोर पाए गए. 84% छात्र SC/ST समुदाय से आते हैं, जो पहले से ही सामाजिक-आर्थिक रूप से कमजोर हैं. शिक्षकों का ध्यान शैक्षणिक कार्यों की बजाय प्रशासनिक कार्यों जैसे रिपोर्टिंग, चुनाव ड्यूटी आदि में अधिक देखा गया. इससे शिक्षण कार्य की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है.

मूलभूत सुविधओं की दृष्टि से भी स्थिति अत्यंत खराब पाई गई. 82.5% वि‌द्यालयों में शौचालय अनुपयोगी मिले, बिजली, पानी, फर्नीचर और सुरक्षित भवनों की कमी थी. कई विद्यालयों की छतें और दीवारें जर्जर हैं, जिससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा है. मध्याह्न भोजन योजना का भी क्रियान्वयन असंतोषजनक मिला. भोजन में पोषण की कमी पाई गई. रसोइयों को 6 महीने से वेतन नहीं मिला है, जिससे योजना की नियमितता पर विपरीत प्रभाव पड़ा है. उन्होंने आरटीई मानकों के अनुरूप तत्काल शिक्षक नियुक्ति करने, विद्यालयों में शौचालय, पेयजल, सुरक्षित भवन व फर्नीचर की व्यवस्था करने, महिला शिक्षकों की नियुक्ति बढ़ाने की मांग की.