SP अमरजीत बलिहार हत्याकांड में फांसी की सजा पाये नक्सली भी पहुंचे थे सुप्रीम कोर्ट

Ranchi : पाकुड़ के तत्कालीन एसपी अमरजीत बलिहार हत्याकंड में फांसी की सजा पाये नक्सली भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. हाईकोर्ट द्वारा सुरक्षित रखे गये फैसलों को जल्दी सुनाने की मांग को लेकर याचिका दायर करने वालों में सुखलाल मुर्मू और सनत बास्की का नाम भी शामिल था. सुप्रीम कोर्ट ने इस कैदियों की याचिका पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया था.

 

इस बीच हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को सुखलाल मुर्मू और सनत बासकी के लंबित मामले में फैसला सुनाया. इन दोनों की याचिकाओं पर न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्याय और न्यायाधीश संजय प्रसाद की पीठ में सुनवाई हुई. वर्ष 2018 में दायर क्रिमिनल अपील पर हाईकोर्ट ने 17 जुलाई को अपना फैसला सुनाया. मामले में दोनों न्यायाधीशों ने अलग-अलग फैसला सुनाया. न्यायाधीश रंगोन मुखोपाध्य्य ने सुखलाल और सनत को निची अदालत द्वारा दी गयी फांसी की सजा रद्द कर दी. 

 

न्यायाधीश संजय प्रसाद ने निचली अदालत द्वारा दी गयी सजा को बहाल रखते हुए सुखलाल और सनत की याचिका खारिज कर दी. दोनों न्यायाधीशों द्वारा दिये गये अलग-अलग फैसले की वजह से फिलहाल अमरजीत बलिहार हत्याकांड में शामिल दोनों नक्सलियों को फिलहाल किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी. नियमानुसार, अब इस मामले को लार्जर बेंच के पास भेजा जायेगा. झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश लार्जर बेंच का गठन कर इस मामले को विचार के लिए भेजेंगे.

 

इससे पहले चार कैदियों ने हाईकोर्ट में फैसला लंबित रहने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा नोटिस जारी करने और लंबित फैसलों से संबंधित रिपोर्ट मांगे जाने के बाद हाईकोर्ट ने चारों कैदियों से जुड़े मामले में फैसला सुना दिया. हाईकोर्ट ने तीन को बरी कर दिया और एक को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया. दूसरी बार झारखंड के 10 कैदियों ने याचिका दायर की है. इसमें से प्रताप साही दुमका जेल में बंद है. याचिका दायर करने वाले बाकी नौ कैदी बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं.

 

 

 सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने कैदियों के जेल में रहने की अवधि

 

कैदी का नाम कितने दिनों से जेल में है
अमित कुमार दास 15 साल 11 महीना
निर्मल भेंगरा 16 साल 10 महीना
नितेश साहू 10 साल नौ महीना
सनत बासकी 9 साल तीन महीना
सुखलाल मुर्मू 3 साल 11 महीना
बसंत कुमार महतो 12 साल आठ महीना
गांधी उरांव 11 साल एक महीना
रोहित राय 8 साल चार महीना
बंधन उरांव 6 साल सात महीना
प्रताप साही 15 साल तीन महीना