रातू रोड मुख्य सड़क के दोनों ओर पेवर ब्लॉक बिछाने को लेकर टेंडर पर नगर आयुक्त से मांगा जवाब
Ranchi: कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु होने पर उनके परिजन परेशान हैं. विशेषकर उनका मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने में उन्हें काफी परेशानी हो रही है. इसे देखते हुए बीते दिनों डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कुछ निगम कर्मियों का फोन नंबर जारी किया था, ताकि परिजनों को किसी तरह का तकलीफ नहीं हो. लेकिन फिर भी मृत्यु प्रमाण बनवाने में अवैध तरीके से कमाई की शिकायत मिल रही है.
मेयर आशा लकड़ा ने लगाया आरोप
इस बार निगमकर्मियों पर यह आरोप मेयर आशा लकड़ा ने लगाया है. उन्होंने कहा है कि रांची नगर निगम में मृत्यु प्रमाण बनवाने के लिए निर्धारित आवेदन पत्र की अवैध रूप से बिक्री हो रही है. मेयर ने मामले को संज्ञान में लेते हुए उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार और सहायक स्वास्थ्य पदाधिकारी किरण कुमारी को जांच करने का निर्देश दिया है. साथ ही दोषी कर्मियों पर कार्रवाई करने एवं पर्याप्त मात्रा में फॉर्म उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
मेयर ने कहा कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए निगम आने वाले लोगों को एक-एक घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है. इसके बाद काउंटर पर पहुंचते ही आवेदक से कहा जा रहा है कि मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन पत्र खत्म हो चुका है. आवेदक मृत्यु प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के लिए अगले दिन आएं. इधर, शिकायतकर्ता के अनुसार, रांची नगर निगम कार्यालय के बाहर 30-40 रुपये में मृत्यु प्रमाण पत्र से संबंधित आवेदन पत्र की बिक्री अवैध रूप से की जा रही है.
वहीं रातू रोड (हेहल से न्यू मार्केट चौक) तक मुख्य सड़क के दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाने के लिए निकाले टेंडर को लेकर भी मेयर ने अधिकारियों पर आपत्ति जतायी है. करीब 4 करोड़ की इस योजना पर आपत्ति जताते हुए मेयर ने कहा है कि नगर आयुक्त ने इस कार्य के लिए स्थाई समिति व निगम परिषद से स्वीकृति भी नहीं लिया. नियमानुसार रांची नगर निगम क्षेत्र में किसी प्रकार के कार्य के लिए स्थाई समिति व निगम परिषद से स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य है.
मेयर ने कहा कि एनएच-75 व 23 स्थित मुख्य सड़क के दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाने का कार्य रांची नगर निगम कार्य क्षेत्र में नहीं है. नगर आयुक्त को यह जानकारी होना चाहिए कि राष्ट्रीय उच्च पथ से संबंधित कार्य रांची नगर निगम के माध्यम से नहीं कराया जा सकता. मेयर ने मामले को लेकर नगर आयुक्त से तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा है.