Ranchi: महिलाओं के खिलाफ बढ़ती जेंडर आधारित हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाने और पीड़ित महिलाओं को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सोमवार को नामकुम बगीचा में मीडिया ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम विमेन गेनिंग ग्राउंड परियोजना के अंतर्गत क्रिया (नई दिल्ली), सृष्टि संस्था, इब्तिदा (झारखंड) तथा संस्था युवा, पूर्वी सिंहभूम के सहयोग से आयोजित किया गया.
कार्यक्रम का मुख्य फोकस वन स्टॉप क्राइसिस सेंटर (OSCC) की कार्यप्रणाली, सेवाओं और इसकी पहुंच को लेकर रहा. इस अवसर पर जिले के प्रमुख पत्रकार, मीडिया प्रतिनिधि और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.
प्रतिभागियों को चिकित्सा सहायता, पुलिस सहयोग, कानूनी सलाह, परामर्श सेवा और अस्थायी आश्रय जैसी वन स्टॉप सेंटर की सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी गई.
मीडिया और पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका अहम
युवा संस्था की प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर अंजना देवगम ने कहा कि मीडिया और पंचायत प्रतिनिधियों को OSCC की सेवाओं से भली-भांति परिचित होना चाहिए, ताकि जमीनी स्तर पर खासकर ग्रामीण और दिव्यांग महिलाओं तक इन सेवाओं की पहुंच और प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके.
मीडिया-परिवर्तन का प्रभावशाली माध्यम
आकृति करिश्मा लकड़ा ने अपने संबोधन में कहा कि मीडिया समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सबसे प्रभावी माध्यम है. OSCC की सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने में पत्रकारों की भागीदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है.
उन्होंने यह भी कहा कि जेंडर आधारित हिंसा के प्रति संवेदनशील रिपोर्टिंग, सही सूचना का प्रसार और ग्राम स्तर तक संवाद स्थापित करना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है.
खुले संवाद सत्र में साझा किए गए विचार
कार्यक्रम के अंत में खुले संवाद सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें जमीनी स्तर पर मौजूद चुनौतियों और संभावनाओं पर खुलकर चर्चा हुई. प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि OSCC की सेवाओं को लेकर मीडिया में नियमित कवरेज और फॉलो-अप रिपोर्टिंग होनी चाहिए, ताकि समाज में जागरूकता का माहौल मजबूत हो और पाठकों के बीच न्यूज की विश्वसनीयता बनी रहे.
प्रतिभागियों ने इस बात पर भी जोर दिया कि मीडिया को हमेशा सच दिखाने और लिखने का प्रयास करना चाहिए और जनमुद्दों को प्राथमिकता देनी चाहिए.