अब गांवों में भी मिलेगा ICU जैसा इलाज: RIMS में ICU स्टाफ के लिए हुई ट्रेनिंग

Ranchi : रांची के राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में 10 बेड आईसीयू प्रोजेक्ट के तहत एक खास ट्रेनिंग प्रोग्राम कराया गया. इस ट्रेनिंग का मकसद ये था कि दूर-दराज और गांव के सरकारी अस्पतालों में भी गंभीर मरीजों का इलाज अच्छे से हो सके.
ये प्रोजेक्ट उस वक्त शुरू हुआ था, जब देश में कोरोना की दूसरी लहर (डेल्टा वेरिएंट) ने तबाही मचाई थी. तब महसूस हुआ कि छोटे शहरों और गांवों में इलाज की बहुत कमी है. इसी सोच के साथ पूरे देश के सरकारी अस्पतालों में 10 बेड वाला फुल ICU सेटअप तैयार करने की योजना बनी. 10-बेड ICU योजना: COVID-19 की डेल्टा लहर के बाद, यह परियोजना ग्रामीण और पिछड़े इलाकों के सरकारी अस्पतालों में गंभीर इलाज (क्रिटिकल केयर) की क्षमता को बढ़ाने के लिए शुरू की गई.

 

किसे जोड़ा गया


रांची, गुमला, लातेहार, चतरा, खूंटी के सदर अस्पतालों को RIMS के टेली-ICU हब से जोड़ा गया. इससे अब इन अस्पतालों के मरीजों को RIMS के विशेषज्ञों से वीडियो कॉल के माध्यम से इलाज मिलेगा.


प्रशिक्षण कार्यक्रम ये बतायी गयी बात


ICU देखभाल में दक्षता बढ़ाने के लिए RIMS में चिकित्सकों, फिजिशियनों और नर्सों के लिए एक व्यापक प्रशिक्षण आयोजित किया गया.

BLS-ACLS: भुवनेश्वर के प्रशिक्षकों द्वारा जीवनरक्षक तकनीकें

पेलिएटिव केयर: Pallium India के विशेषज्ञों से मरीजों की आरामदेह देखभाल

ट्रॉमा मैनेजमेंट: IGIMS पटना से ATLS के विशेषज्ञों द्वारा

वेंटिलेटर प्रबंधन और ICU प्रोटोकॉल: RIMS के विशेषज्ञों द्वारा

IV एक्सेस, सिडेशन और मानसिक आपात स्थितियां: प्रैक्टिकल सत्रों के साथ


पहला चरण रांची और आस-पास के अस्पतालों में लागू किया गया, जिसमें ICU उपकरणों की आपूर्ति, CARE EMR प्लेटफ़ॉर्म और टेली-ICU सिस्टम की स्थापना की गई.

झारखंड सरकार का योगदान: इस परियोजना में झारखंड सरकार ने सक्रिय भूमिका निभाई, अस्पतालों में स्टाफ की तैनाती और विभिन्न विभागों में समन्वय सुनिश्चित किया.

 

10 राज्यों में चल रही पहल


यह परियोजना पहले मणिपुर, नागालैंड, कर्नाटका, असम और अन्य राज्यों में सफलतापूर्वक लागू हो चुकी है और अब झारखंड में भी सक्रिय है.

 

5 मुख्य स्तंभ


ICU उपकरण, CARE सॉफ़्टवेयर, टेली-ICU प्रणाली, ठोस प्रशिक्षण और स्थानीय स्वास्थ्य समितियों की भागीदारी