अमित शाह की टिप्पणी पर राहुल ने कहा, भाजपा आरएसएस नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे

New Delhi :  गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अंग्रेजी पर की गयी कथित टिप्पणी पर कांग्रेस ने हमलावर होते हुए कहा कि भाजपा आरएसएस नहीं चाहते कि भारत का गरीब बच्चा अंग्रेजी सीखे, क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप आगे बढ़ें.

 

 

अंग्रेजी आत्मविश्वास बढ़ायेगी और रोजगार दिलायेगी. भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है. हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेजी सिखानी है.

 


राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि अंग्रेज़ी बांध नहीं, पुल है.  अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है.  अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं, ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है.  

 

भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है, ज्ञान है. हमें उन्हें संजोना है और साथ ही हर बच्चे को अंग्रेज़ी सिखानी है. यही रास्ता है एक ऐसे भारत का, जो दुनिया से मुकाबला करे, जो हर बच्चे को बराबरी का मौका दे.

 


टीएमसी के राज्यसभा सासंद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि भारत में 97फीसदी लोग संवैधानिक रूप से मान्यता प्राप्त 22 भाषाओं में से किसी एक को अपनी मातृभाषा के रूप में इस्तेमाल करते हैं. 19,500 भाषाओं और बोलियों का इस्तेमाल मातृभाषा के रूप में किया जाता है. 

 

यह हमारे महान राष्ट्र की 'विविधता में एकता' है. अमित शाह, पीएम मोदी और गिरोह इसे कभी नहीं समझ पायेंगे 
 

 

दरअसल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कल गुरुवार को पूर्व आईएएस अधिकारी आशुतोष अग्निहोत्री द्वारा लिखित पुस्तक मैं बूंद स्वयं, खुद सागर हूं... के विमोचन किया था. इस अवसर पर अमित शाह ने भारतीय भाषाओं के महत्व पर जोर देते हुए कहा था कि वह दिन दूर नहीं जब भारत में लोग अंग्रेजी बोलने पर शर्मिंदगी महसूस करेंगे.

 

उन्होंने भारतीय भाषाओं को देश की संस्कृति के रत्न बताते हुए कहा था कि ये भाषाएं हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं.  इनके बिना हम भारतीय नहीं कहला सकते.


 
शाह ने कहा था कि मानता हूं कि हमारे देश की भाषाएं, हमारा गहना है. इनके बिना हम भारतीय नहीं हैं. आप किसी विदेशी भाषा में अपने इतिहास, संस्कृति और धर्म को नहीं समझ सकते.अमित शाह ने कहा कि देश में अंग्रेजी बोलने वालों को जल्द ही शर्म आयेगी, ऐसे समाज का निर्माण दूर नहीं है.