कोरोना में भी बाज नहीं आ रहे लोग,लॉकडाउन का पालन कराने वाली पुलिस से ही कर रहे मारपीट

Saurav Singh
Ranchi : कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पूरे राज्य में छह मई की सुबह 6 बजे तक आंशिक लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. जिसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. दिशा-निर्देश अनुपालन कराने की जिम्मेदारी पुलिस-प्रशासन पर है. ऐसे में लॉकडाउन का अनुपालन कराने में जुटी झारखंड पुलिस के साथ लोग मारपीट कर रहे हैं. पिछले आठ दिनों के दौरान राज्य के अलग-अलग जिले में स्थानीय लोगों के द्वारा पुलिस के साथ मारपीट करने की तीन घटनाएं हुई हैं.

आम लोग पुलिस के खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं

आम लोग पुलिस के खिलाफ आक्रामक हो रहे हैं. राज्य की सड़कों पर पुलिस के साथ विवाद तो आम बात है. लेकिन अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में उग्र लोग पुलिस टीम पर हमला कर रहे हैं. इन घटनाओं से एक बात और भी स्पष्ट है कि आम लोग कानून को अपने हाथ में उठाने से बाज नहीं आ रहे हैं. हाल के दिनों में एक और बात सामने आयी है कि घटना के बाद मामले में पुलिस की सख्ती भी आम लोगों के खिलाफ बढ़ी है. पुलिस अफसर मामले में केस भी दर्ज करवा रहे हैं और आम लोगों को न्यायिक हिरासत में जेल भी भेज रही है.

झारखंड पुलिस के साथ हो रहा मारपीट

3 मई: बोकारो के सिटी थाना क्षेत्र के दून्दीबाग के मुख्य बाजार में कई कारोबारियों ने अपना दुकान खोल रखा था. जिसे काफी संख्या में बाजार में भीड़ देखने को मिल रही थी. जिसके कारण कोरोना का खतरा भी बढ़ रहा था. जब पुलिस उसे बंद कराने और भीड़ को कम करने पहुंची तो कारोबारियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. कारोबारियों ने दरोगा पिंकू कुमार सिंह को पीटा. जिससे दारोगा गंभीर रूप से घायल हो गये. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

1 मई: दुमका के गोपीकांदर थाना क्षेत्र के दुमका-पाकुड़ मुख्य मार्ग पर लगे दुर्गापुर साप्ताहिक हाट को बंद कराने गयी पुलिस को भारी विरोध झेलना पड़ा था. पुलिस टीम पर दुकानदारों ने पथराव कर दिया. पथराव में पुलिस के जवान घायल हो गए थे.

24 अप्रैल: सरायकेला खरसावां जिला अंतर्गत नीमडीह थाना के बामनी गांव में मेला में लगी भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज करने पर पुलिस के साथ ग्रामीणों की झड़प हो गयी. इसमें नीमडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी, थाना प्रभारी व अन्य घायल हो गए थे.