योजनाओं को समय सीमा तय कर धरातल पर उतारें, काम नहीं करने वाली एजेंसियां होंगी टर्मिनेटः प्रधान सचिव

 Ranchi :  नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार ने कहा है कि शहरों में नागरिकों की सुविधाओं एवं रहन सहन उच्चस्तरीय बनाने के लिए योजनाओं को चरणबद्ध ढंग से पूरा किया जाये. इसके लिए समयसीमा भी निर्धारित की जाये. वे मंगलवार को  को लेकर समीक्षा बैठक कर रहे थे. 

 

उन्होंने कहा कि नगर विकास विभाग के अंर्तगर्त शहरी निकायों की जवाबदेही सेवा प्रदाता की है. इसलिए नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जो योजनाएं बनायी गयी है, उनको पूरा करने के लिए समयसीमा चरणबद्ध तरीके से तय की जाये.

 

लापरवाही बरतने वाली एंजेंसियों के खिलाफ होगी कार्रवाई

 

प्रधान सचिव ने धनबाद पेयजलापूर्ति योजना, रामगढ पेयजलापूर्ति योजना, आदित्यपुर सिवरेज योजना, देवघर एवं हजारीबाग सेप्टेज योजना के पूरा होने में हो रहे विलंब को गंभीरता से लिया. उन्होंने निर्देश  दिया कि जो संवेदक एवं एजेंसियां काम में लापरवाही बरत रही हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.

 

उन्होंने काम में कोताही बरतने वाली एजेंसियों को डिबार कर टर्मिनेट करने की कार्रवाई करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि शहरों में साफ-सफाई पर विषेष ध्यान दिया जाये. बरसात के मौसम को ध्यान में रखा जाये. नालों की सफाई कराई जाये

 

समय सीमा निर्धारित हो

 

प्रधान सचिव ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास बनाना हो तो नींव से लेकर छत के निर्माण तक का समय निर्धारित किया जाये. इस तरह से योजनाएं समय पर पूरा होंगी और नागरिकों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत बने आवासों एवं कालोनियों को आकर्षक बनाने के लिए पेड़ पौधे लगाये जायें. लैंड स्केपिंग भी की जाये.

 

नोडल अफसर नियुक्त किये जायेंगे

 

बैठक के दौरान कई नगर निकायों में सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, पाइप लाइन बिछाने, प्रधानमंत्री आवास योजना, जलमीनार और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण में हो रहे विलंब में भूमि की अनुपलब्धता और वन अनापत्ति प्रमाण प्राप्त नहीं होना बताया गया.

 

इस पर प्रधान सचिव ने कहा कि इसके समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर एक वरीय अधिकारी को नोडल अफसर नियुक्त किया जायेगा. जो जिला स्तर पर उपायुक्त से बात कर भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करायेगा. उन्होंने कहा कि बड़े मामलों में वे स्वयं वन विभाग एवं जिला प्रशासन से बात कर भूमि मुहैया कराने की पहल करेंगे.