आपराधिक तत्वों पर रखें नजर
पुलिस मुख्यालय के द्वारा जिले के एसपी को निर्देश दिया गया है कि कोर्ट के जज के साथ समय-समय पर कोर्ट परिसर का निरीक्षण करें और आपराधिक तत्वों पर नजर रखें.कोर्ट परिसर में हो रही हत्याओं से झारखंड पुलिस ने नहीं लिया सबक
हजारीबाग कोर्ट कैंपस में 2 जून 2015 में बहुचर्चित सुशील श्रीवास्तव हत्याकांड हुआ था. इसके एक साल बाद 30 नवंबर 2016 को जमशेदपुर कोर्ट में ट्रांसपोर्टर उपेंद्र सिंह की हत्या कर दी गयी. लेकिन दोनों घटनाओं के बाद भी झारखंड पुलिस ने अबतक कोई सबक नहीं लिया है. 18 जून 2022 को देवघर सिविल कोर्ट में दिनदहाड़े पेशी के लिए आए कैदी अमित सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिस तरह से कोर्ट में पेशी के लिए आ रहे कैदी की हत्या की जा रही है. उससे वकीलों और जजों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. इसे भी पढ़ें- क्लर्क">https://lagatar.in/the-journey-from-clerk-to-presidential-candidate-was-not-easy-draupadi-murmu-has-lost-her-husband-and-two-sons/">क्लर्कसे लेकर राष्ट्रपति उम्मीदवार तक का सफर नहीं था आसान, पति और दो बेटों को खो चुकी हैं द्रौपदी मुर्मू [wpse_comments_template]