रांची डीसी ने डायन प्रथा उन्मूलन के लिए जागरुकता रथ को किया रवाना

Ranchi : डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए आज गुरुवार को समाहरणालय परिसर से जागरुकता रथ रवाना किया गया. डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्वेता भारती, सीडीपीओ सहित अन्य कर्मी उपस्थित रहे. इस जागरुकता रथ के माध्यम से डायन कुप्रथा उन्मूलन के लिए लोगों को जागरूक किया जायेगा. जागरुकता रथ रांची जिला के सभी प्रखंडों, प्रमुख चौक-चौराहों एवं हाट-बाजारों में ऑडियो के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम करेगी. (पढ़ें, हजारीबाग">https://lagatar.in/hazaribagh-terror-of-elephants-elderly-woman-beaten-to-death-in-liquor/">हजारीबाग

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लोगों को डायन अधिनियम 2001 की दी जायेगी जानकारी

मौके पर डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने कहा कि जिले में डायन अधिनियम 2001 के तहत डायन कुप्रथा को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से जागरुकता रथ को रवाना किया गया है. सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रथ के माध्यम से लोगों को डायन अधिनियम 2001 की जानकारी देकर डायन कुप्रथा के प्रति लोगों को जागरूक करने का कार्य किया जायेगा. उन्होंने कुप्रथा को समाप्त करने में जिला प्रशासन का साथ देने की अपील की. इसे भी पढ़ें : हजारीबाग:">https://lagatar.in/hazaribagh-accused-of-absconding-murder-case-arrested-for-14-years/">हजारीबाग:

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कारावास या जुर्माने का है प्रावधान

  • डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001 के तहत किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने वाले तथा उस पहचान के प्रति अपने किसी भी कार्य, शब्द या रीति से कार्रवाई करने वाले को अधिकतम तीन महीने तक कारावास या एक हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है.
  • किसी महिला को डायन के रूप में पहचान कर उसे जानबूझकर शारीरिक या मानसिक यातना या अन्यथा प्रताड़ित करने पर छह माह की सजा या दो हजार रुपये जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है.
  • किसी महिला को डायन के रूप में पहचान करने के लिए साक्ष्य या अनवधता से अन्य व्यक्ति अथवा समाज के लोगों को उकसाने या षडयंत्र रचने या सहयोग करने की स्थिति में तीन महीने तक का कारावास या एक हजार रुपये का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है.
  • डायन के रूप में पहचान की गयी महिला को शारीरिक या मानसिक हानि पहुंचाकर अथवा प्रताड़ित कर झाड़-फूंक या टोटका से उपचार करने वाले को एक साल तक की कारावास की सजा या दो हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजा का प्रावधान है.
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