मॉडल स्कूल के लिए पहली बार आयोजित होगा एसएमसी कॉन्क्लेव

Ranchi : सरकार गठन के बाद से ही हेमंत सोरेन सरकार का जोर रहा है कि कैसे सरकारी स्कूलों के बच्चों को बेहतर शिक्षा दी जाए. इसी सोच के साथ राज्य सरकार ने मॉडल स्कूल पर काम शुरू किया. अगले शैक्षणिक सत्र (अप्रैल माह) से इन मॉडल स्कूलों में सीबीएसई की तर्ज पर पढ़ाई शुरू होगी. इससे पहले राज्य सरकार मॉडल स्कूलों के ब्रांडिंग को लेकर स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) का कॉन्क्लेव करने जा रही है. राज्य गठन के बाद ऐसा पहली बार होगा, जब सरकार, स्कूल के शिक्षक और अभिभावक आमने-सामने बैठ कर मॉडल स्कूल के प्रति विश्वास कैसे बढ़े, इस दिशा में बातचीत करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, यह एसएमसी कॉन्क्लेव मार्च माह के दूसरे हफ्ते में आयोजित किया जाए. इस कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह सहित शिक्षा विभाग के सचिव उपस्थित रहेंगे. इसे भी  पढ़ें - दिल्ली">https://lagatar.in/shraddha-like-scandal-again-in-delhi-girls-body-found-in-dhabas-freezer-lover-arrested/">दिल्ली

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425 स्कूलों के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य होंगे शामिल

एसएमसी कॉन्क्लेव में कुल 425 स्कूलों के स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य शामिल होंगे. इसमें स्कूल शिक्षा विभाग के साथ काम कर रही एनजीओ, सलाहकार एजेंसियां, फाउंडेशन या एजेंसी भी भाग लेगी. कॉन्क्लेव में निम्न कार्यक्रम होंगे. • स्कूल विकास योजना को लेकर एसएमसी सदस्यों के साथ एक सत्र का आयोजन होगा. अपने स्कूलों में एसएमसी सदस्य किस तरह एक्शन पॉइंट पर काम करें, इसपर सुझाव लिया जाएगा. • पिछले वर्षों के दौरान एसएमसी के किए कार्यों की एक रिपोर्ट पेश होगी. • शीर्ष पांच एसएमसी अपने अनुभव साझा करेंगे. • अच्छा काम करने वाले एसएमसी सदस्यों को राज्य सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.

शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) बनाना अनिवार्य

बता दें कि निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम, 2009 की धारा 21 के तहत सभी सरकारी स्कूलों व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) बनाना अनिवार्य है. कमेटी की कार्यकारिणी में तीन हिस्से सदस्य (75 प्रतिशत) स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के माता-पिता-अभिभावक होते हैं. इसके अलावा शिक्षक, संबंधित क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधि भी कमेटी में शामिल होते हैं. कमेटी के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष भी इन्हीं अभिभावकों में से होते हैं. कमेटी न केवल स्कूल के विकास की योजना बनाती है बल्कि स्कूल से संबंधित समस्याओं का समाधान भी करती है. इसे भी पढ़ें - व्यापारियों">https://lagatar.in/bjps-support-for-indefinite-wholesale-market-bandh-traders/">व्यापारियों

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