Ranchi: बोकारो जिला के तेतुलिया मौजा स्थित करीब 100 एकड़ से अधिक वन भूमि की अवैध खरीद-बिक्री के आरोपी राजवीर कंस्ट्रक्शन के डायरेक्टर वीर अग्रवाल और विमल अग्रवाल के विरुद्ध CID अगली सुनवाई तक कोई पीड़क कार्रवाई नहीं करेगी.
शनिवार को रांची सीआईडी की विशेष अदालत ने दोनों के विरुद्ध पीड़क कार्रवाई के आदेश को विस्तार दिया है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सीआईडी को केस डायरी जमा करने का निर्देश दिया था. लेकिन शनिवार को CID की ओर से केस डायरी पेश नहीं किया जा सका.
इस केस के अन्य अभियुक्त पुनीत अग्रवाल को सीआईडी ने सोमवार को गिरफ्तार किया था. उनपर आरोप है कि राजवीर कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से तेतुलिया मौजा के उस वनभूमि के लिए उमायुष कंपनी को तीन करोड़ चालीस लाख रुपए उक्त जमीन के एवज में भुगतान किया था.
पुनीत की गिरफ्तारी तेतुलिया मौजा में बेशकीमती करीब एक सौ एकड़ जमीन का फर्जीवाड़ा कर दस्तावेज बनाकर हड़पने और बेचने के मामले में हुई है. बोकारो के तेतुलिया में 100 एकड़ से ज्यादा वन भूमि को फर्जी दस्तावेज बनाकर बेच दिया गया.
यह वो जमीन है, जिसे बोकारो स्टील प्लांट के द्वारा वन विभाग को वापस लौटाया गया था. झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता के निर्देश पर जमीन घोटाला मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई थी. सीआईडी बोकारो के सेक्टर 12 थाना में दर्ज कांड संख्या 32/2024 को टेकओवर कर अपनी जांच शुरू कर चुकी है.