: बीआईटी सिंदरी से पिछड़ा तो परसेप्शन सुधारने में जुटा आईआईटी आईएसएम
आदेश से राज्य के 1800 डॉक्टरों में आक्रोश
स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद राज्यभर के करीब 1,800 डॉक्टरों में आक्रोश है. ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और झारखंड स्टेट हेल्थ एसोसिएशन (झासा) ने आगामी 7 अगस्त(रविवार) को बैठक बुलाई है. बैठक में सभी जिलों से पांच-पांच प्रतिनिधि बैठक में शामिल होंगे. इसी दिन डॉक्टर अपने आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे. [caption id="attachment_380735" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="251" /> डॉ. एके सिंह, अध्यक्ष, आईएमए, झारखंड[/caption]
सरकार की नीति गलत- डॉ. अरूण कुमार सिंह
आईएमए के राज्य अध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा, “सरकार की नीति बिल्कुल गलत है. झारखंड में एक तो डॉक्टरों की घोर कमी है. ऐसे में यह निर्णय गलत और बेतुका भी है.” उन्होंने कहा कि 2016 में तत्कालीन स्वास्थ सचिव के विद्यासागर ने भी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन विरोध के बाद इसे वापस ले लिया गया. एक बार फिर से उसी आदेश को नए सिरे से लागू कर डॉक्टरों के मनोबल को कमजोर करने का काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में मख्यमंत्री को भी पत्र लिखा गया है. [caption id="attachment_380736" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="297" /> डॉ़ प्रदीप सिंह, सचिव, आईएमए[/caption]
सरकार का तानाशाही फरमान- डॉ. प्रदीप कुमार
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉं प्रदीप कुमार ने कहा कि सरकार का आदेश डॉक्टरों के लिए तानाशाही वाला फरमान है. उन्होंने कहा कि झारखंड में डॉक्टरों की घोर कमी है. सरकारी चिकित्सक और निजी चिकित्सक बहुत हद तक सेवा को संभाल कर रखा है, लेकिन सरकार का निर्णय हास्यास्पद और मेडिकल ऐथिक्स के विरुद्ध भी है. इसे भी पढ़ें-शहर">https://lagatar.in/the-enforcement-team-of-ranchi-municipal-corporation-is-troubling-the-public-in-the-city-mayor-asha-lakra/">शहरमें रांची नगर निगम की इफोर्समेंट टीम जनता को परेशान कर रही : मेयर आशा लकड़ा [caption id="attachment_380738" align="aligncenter" width="295"]
alt="" width="295" height="300" /> डॉ़ अजीत कुमार, आईएमए, जेडीएन स्टेट कन्वेनर[/caption]
आदेश से मरीजों को होगी परेशानी- डॉ. अजीत कुमार
सरकार के फैसले पर आईएमए-जेडीएन के स्टेट कन्वेनर डॉ. अजीत कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार के इस फैसले से मरीजों की परेशानी होगी. ऐसे में मरीजों को संपूर्ण इलाज नहीं मिल पायेगा. [caption id="attachment_380740" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="293" /> डॉ़ विमलेश सिंह, राज्य सचिव, झासा[/caption]
सरकार का फैसला समझ से परे-डॉ. विमलेश सिंह
जबकि झारखंड हेल्थ स्टेट एसोसिएशन (झासा) के राज्य सचिव डॉ. विमलेश सिंह ने कहा कि सरकार और खासकर स्वास्थ विभाग का फैसल समझ से परे है. कोरोना काल में छोटे-छोटे डॉक्टरों ने ही मोर्चा संभाल कर राज्य को संक्रमण के चंगुल से बाहर निकाला था. डॉक्टरों के प्रति सम्मान की भावना के बजाए उन्हें हतोत्सहित करने का प्रयास किया जा रहा है. [caption id="attachment_380741" align="aligncenter" width="300"]alt="" width="300" height="292" /> डॉ़ एके झा, सदर अस्पताल डॉक्टर[/caption]