नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत : दीपिका पांडेय सिंह

 Ranchi :  कैबिनेट मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि झारखंड सामाजिक बुराइयों के खिलाफ मुखर होकर खड़ा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि समाज के ताने-बाने को नष्ट करने वाले तत्वों पर रोक लगाई जा सके. वे गुरुवार को डोरंडा के शौर्य सभागार में आय़ोजित मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध राज्यव्यापी जागरुकता अभियान के समापन समारोह में बोल रहीं थीं.

 

अफीम की खेती के खिलाफ चलाया गया व्यापक अभियान : मुख्य सचिव

 

मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि अफीम की खेती और नशे के कारोबार ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है. इस बार राज्य सरकार ने तकनीक एवं बहु-विभागीय समन्वय के ज़रिए अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया है. अफीम की खेती के खिलाफ चलाये   गये व्यापक अभियान को उन्होंने कॉम्प्रिहेंसिव सफलता  बताया.

 

27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को किया गया नष्टः डीजीपी

 

राज्य के पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया. खूंटी जैसे संवेदनशील जिलों में स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से इस अभियान में भागीदारी की. उन्होंने ब्राउन शुगर को युवाओं के लिए घातक बताते हुए कहा कि अब सप्लाई चेन तोड़ने की दिशा में पुलिस पैडलर्स, डीलर्स और सप्लायरों पर सख्त कार्रवाई करेगी. अब तक ड्रग्स के विरुद्ध कुल 350 मामले दर्ज किए गए हैं और 318 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है.

 

नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में किया जाये शामिलः अजय

 

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार ने स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने सुझाव दिया कि नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में शामिल किया जाए एवं एनएसएस वालंटियर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाये.

 

अभियान के तहत 12,000 से अधिक जागरुकता कार्यक्रम किये गये आयोजितः वंदना

 

गृह विभाग की प्रधान सचिव वंदना दादेल ने बताया कि अफ़ीम की अफ़ीम की खेती से राज्य की 238 पंचायतें प्रभावित हैं, जहां जागरुकता अभियान आगे भी जारी रहेगा. उन्होंने बताया कि बीते दो हफ्तों में 12,000 से अधिक जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये गये.

 

 वंदना दादेल ने कहा कि इस दौरान 3,000 से अधिक स्कूलों में 22 लाख बच्चों को शामिल करते हुए विशेष अभियान चलाया गया. साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार, मास्टर ट्रेनर्स की तैयारी और यूनिसेफ की तकनीकी सहायता इस अभियान की खास विशेषताएं रहीं.

 

स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि हुए सम्मानित

 

समारोह के अंत में जागरुकता अभियान में विशेष भूमिका निभाने वाले विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया. साथ ही resistjharkhand.gov.in पोर्टल का लोकार्पण भी हुआ. इस पोर्टल पर नशामुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां, जागरूकता सामग्री और राज्य की उपलब्धियों को समाहित किया गया है.