आकंडों से समझिये, कोरोना संक्रमण में सरकार ने अबतक क्या-क्या उठाये कदम

Ranchi : कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में झारखंड काफी प्रभावित रहा है. हर दिन संक्रमित मरीजों और इससे होने वाली मृत्यु का ग्राफ भी बढ़ा है. इसे लेकर प्रदेश में राजनीति भी शुरू हो गयी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने कहा है कि कोरोना से जंग में झारखंड के लोग भगवान भरोसे हैं. सरकार कुंभकर्णी नींद में सोई हुई है. लेकिन ऐसा नहीं है कि हेमंत सरकार झारखंड के लोगों के स्वास्थ्य सुविधा देने को गंभीर नहीं है. 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक के आंकड़े को देखे, तो राज्य में कोरोना संक्रमण से लड़ाई की हर संभव कदम उठाये गये हैं. इसमें अस्पतालों में बेड की स्थिति, टीकाकरण, जांच लैब व मशीनों की उपलब्धता प्रमुखता से शामिल हैं.

हो रहा है लगभग 36,634 जांच प्रतिदिन

प्रदेश में सैम्पल जांच की स्थिति को देखे, तो 29 मार्च से 3 अप्रैल तक राज्य में साप्ताहिक 88638 जांच की गयी थी. जो 4 से 9 अप्रैल तक 1,35,256 और 10 से 15 अप्रैल तक 2,19,806 तक पहुंच गयी. अभी लगभग 36,634 जांच प्रतिदिन किया जा रहा है. *

13 गुणा बढ़ोतरी हुई है लैब, आरटीपीआर मशीन और आरएनए एक्सट्रेक्ट की

संक्रमण के पहले और दूसरे फेज में जांच लैब व मशीन की उपलब्धता पर भी राज्य सरकार का विशेष जोर रहा है. 31 मार्च 2020 को प्रदेश में इसकी कुल संख्या 4 थी. इसमें लैब 2 और आरटीपीआर मशीन 2 और आरएनए एक्सट्रेक्टर शून्य थी. जो एक साल बाद 31 मार्च 2021 तक बढ़कर 52 तक पहुंच गयी है. यानी यह बढ़ोतरी करीब 13 गुणा अधिक की है. इसमें लैब 7, आरटीपीआर मशीन 21 और आएनए एक्सट्रेकटर 24 है. साहेबगंज में लैब बनकर तैयार हो गया है, जिसे एक सप्ताह में संचालित कर दिया जाएगा.

तेजी से बढ़ा है अस्पतालों में ऑक्सीजन सर्पोटेड सहित अन्य बेडों की संख्या

प्रदेश में बेडों की संख्या को देखे, तो इसमें काफी बढ़ोतरी देखी गयी है. अस्पतालों में सामान्य बेडों की संख्या 1 अप्रैल को 7201 थी, जो 16 अप्रैल को बढ़कर 9707 की गयी है. ऑक्सीजन सर्पोटेड बेड जो 1 अप्रैल को 1459 थी, जो 16 अप्रैल तक बढ़कर 3802 की गयी है. इसमें से अभी 2024 बेड क्रियाशील है.
बीते बुधवार को राज्य सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण को देख राज्य में कुल 2124 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की उपलब्धता सुनिश्चित की है. इसके अलावा रांची में अलग से कुल 300 बेड बनाए गए हैं. वहीं 300 बढ़ाने की दिशा में हेमंत सरकार काम कर रही है. इसके अलावा प्रदेश में आईसीयू बेड की संख्या 1 अप्रैल को 481 थी, जो 16 अप्रैल तक बढ़कर 2077 हो गयी है. वहीं वेंटिलेटर बेड की संख्या 502 थी, जो इस तिथि तक 634 की गयी है.

संक्रमण का लहर सबसे ज्यादा रांची में, इसलिए प्रदेश सरकार ने बढ़ायी बेडों की संख्या

रांची में कोरोना संक्रमण का असर प्रदेश में सबसे ज्यादा है. ऐसे में सरकार का रांची जिला में विशेष जोर है. 1 अप्रैल को राजधानी के सभी अस्पतालों में कुल 1727 थी. इसमें सामान्य बेड 1128, ऑक्सीजन सर्पोटेड बेड 404, आईसीयू बेड 138 और वेंटिलेटर बेड 57 थी. यह संख्या 16 अप्रैल को बढ़कर 2276 हो गयी. इसमें सामान्य बेड 1128, ऑक्सीजन सर्पोटेड बेड 923, आईसीयू बेड 163 और वेंटिलेटर बेड 62 शामिल हैं.

टीकाकरण को लेकर भी सरकार है सजग, बढ़ेगा ग्राफ

प्रदेश में कोरोना टीकाकरण के दोनों डोज की दिशा में तेजी से बढ़ोतरी देखी गयी है. स्वास्थ्य वर्कर की स्थिति को देखें, तो 1 अप्रैल को डोज 1 और डोज 2 लेने की संख्या क्रमशः 1,92,287 और 1,24,459 थी, जो बढ़कर 16 अप्रैल को क्रमशः 1,94,703 और 1,31,293 हो गयी. इसी तरह फ्रंट लाइन वर्कर के डोज 1 और 2 की संख्या 2,49,361 और 1,20,225 थी, जो बढ़कर 2,60,118 और 1,41,930 हो गयी. 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के व्यक्ति के डोज 1 व 2 लेने की संख्या 1 अप्रैल को 10,25,345 और 8912 थी, जो 16 अप्रैल तक बढ़कर 19,02,883 और 60,644 हो गयी.