महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनी झारखंड की ‘जोहार परियोजना’, वर्ल्ड बैंक ने की सराहना

Ranchi :  झारखंड की ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से शुरू की गई जोहार परियोजना की वर्ल्ड बैंक ने सराहना की है. इतना ही नहीं उसने जोहार परियोजना को एक प्रेरणादायक और अनुकरणीय पहल बताया है. 

 

दरअसल झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) द्वारा संचालित इस योजना के जरिए महिलाओं के नेतृत्व वाले फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (FPOs) ने महज चार सालों में 21 मिलियन अमेरिकी डॉलर का कारोबार कर दिखाया है. इस उपलब्धि को लेकर विश्व बैंक ने न केवल परियोजना की प्रशंसा की है, बल्कि कांके की प्रोड्यूसर ग्रुप अध्यक्ष आशा देवी सहित हजारों महिला उत्पादकों के प्रयासों को भी सराहा है.

 

सीएम ने भी झारखंड की महिलाओं पर जताया गर्व 

वर्ल्ड बैंक ने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट साझा किया है, जिसमें जोहार परियोजना के जरिए हुए सकारात्मक बदलावों को दिखाया गया है. वर्ल्ड बैंक की इस सराहना पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी प्रतिक्रिया दी है और गर्व जताया है. उन्होंने वर्ल्ड बैंक का वीडियो अपने सोशल मीडिया वॉल पर साझा करते हुए लिखा कि  झारखंड की मेरी माताएं-बहनें आज सशक्त होकर आगे बढ़ रही हैं. आप सभी ऐसे ही आगे बढ़ती रहें, आपका यह बेटा और भाई हमेशा आपके साथ है. 

 

वर्ल्ड बैंक ने की परियोजना और महिला नेतृत्व की तारीफ

वर्ल्ड बैंक ने एक्स पर लिखा कि आज हम अपने व्यवसाय के हर पहलू को समझते हैं-प्रॉफिट मार्जिन से लेकर मार्केट के रुझानों तक. हमने संवाद करना सीखा है और जानते हैं कि अब कम पर समझौता नहीं करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने जोहार परियोजना को ग्रामीण विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बताया और झारखंड की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदलने वाली हजारों महिलाओं की प्रशंसा की.

 

वर्ल्ड बैंक ने आगे कहा कि सिर्फ चार वर्षों में जोहार  के तहत महिलाओं के नेतृत्व वाले 21 किसान उत्पादक संगठनों ने लगभग 2.1 करोड़ अमेरिकी डॉलर का कारोबार हासिल किया है. यह इस बात का प्रमाण है कि महिलाओं में निवेश कैसे आजीविका और कृषि-खाद्य प्रणालियों को नया रूप देता है. 

 

क्या है जोहार परियोजना?

‘JOHAR’ यानी Jharkhand Opportunities for Harnessing Rural Growth. यह परियोजना मई 2017 में शुरू हुई और जून 2024 तक संचालित की गई. इसमें विश्व बैंक की 70% वित्तीय सहायता और राज्य सरकार का 30% अंशदान रहा. इस परियोजना के तहत झारखंड के 17 जिलों के 68 प्रखंडों में 3,500 से अधिक उत्पादक समूहों को तकनीकी, प्रबंधन और विपणन सहायता प्रदान की गई. 

 

परियोजना की मदद से करीब दो लाख ग्रामीण परिवारों की आय में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई. इस योजना से अब तक 2.24 लाख उत्पादकों को 3,922 उत्पादक समूहों में संगठित किया गया है. इन समूहों को सशक्त बनाने के लिए 17,000 से अधिक सामुदायिक कैडरों को प्रशिक्षित किया गया, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भरता की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा सकें.