कोरोना में दुनिया : कोविड 19 का संक्रमण आपको हो गया है, अब क्या करें?

डॉ प्रदीप कुमार शुक्ल लखनऊ के जानेमाने चिकित्सक हैं. अभी लखनऊ के गंगा चिल्ड्रेन अस्पताल में चीफ कंस्लटिंग डॉक्टर हैं. कोरोना महामारी को लेकर उन्होंने रोचक तरीके से कुछ एहतियात और सुझाव बताये हैं. उनके फेसबुक वॉल से हम इसे अपने पाठकों के लिए आभार सहित प्रकाशित कर रहे हैं. (संपादक)

Lagatar Desk

अव्वल तो आपको संक्रमण होना ही नहीं चाहिए था पर अब हो ही गया है तो (ज्यादा) घबराइये नहीं. यहां पर ध्यान देने वाली बात यह है कि शब्द `ज्यादा` पर जोर दिया गया है. आप जानते ही हैं कि 100 संक्रमित लोगों में से 5-10 लोग अस्पताल में भर्ती हो जाने की काबिलियत रखते हैं. अब हमारे देश में काबिलियत होने भर से सीट नहीं मिल जाती, यह भी आपको पता है. कितने एमए-बीए तो नाली साफ करने के लिए भी योग्य नहीं माने जाते. जितने मरीज हैं, उतने न तो बिस्तर हैं न डॉक्टर/नर्स. अब इन्हें हम आयात भी नहीं कर सकते. बिस्तर और ऑक्सीजन का प्रबंध हम कर सकते थे, पर सरकार भी क्या-क्या करे. चुनाव ही ससुरे पीछा नहीं छोड़ते.

चलो काम की बात करते हैं

जैसे ही आपको पता लगता है कि आपको बुखार के साथ जुकाम, खांसी, गले में दर्द, बदन दर्द, जुलाब, स्वाद और सूंघने की शक्ति में कमी, जोड़ों में दर्द, आंख आना आदि में से कुछ भी हो गया है, तो आप मान कर चलिये कि आपको कोविड-19 हो गया है, जब तक कि कोई दूसरी बीमारी आपका चिकित्सक तय न कर दे. (यह केवल उन शहरों के लिए लागू, जहां कोरोना संक्रमण की स्थिति भयावह है).

आपको यदि शुगर की बीमारी, उच्च रक्तचाप, किडनी या हृदय का कोई भी पुराना रोग है, तो आपको ज्यादा सचेत हो जाना चाहिए. कोरोना की जांच से क्या फायदा, जब 95 प्रतिशत लोगों को कोई खास इलाज की जरूरत नहीं पड़ती? यदि आप उन 5 प्रतिशत अभागे लोगों की लिस्ट में आ जाते हैं और आपके पास कोविड-19 की रिपोर्ट नहीं है तो आप किसी कोविड सेंटर में भर्ती नहीं किये जा सकते.

आपको जीवन रक्षक दवाएं जैसे remdesivir का इंजेक्शन भी नहीं मिलेगा और बाकी इलाज भी उस तरीके से नहीं किया जायेगा, जिसकी आवश्यकता होगी. आप जनरल आईसीयू में भर्ती भी हो गये, तो आप वहां मौजूद गंभीर मरीजों को कोरोना प्रसाद बांट देंगे. आपका RAT ( रैपिड एंटीजेन टेस्ट ) पॉजिटिव है, पर रिपोर्ट नहीं है, तो भी आपको कोविड सेंटर में भर्ती नहीं किया जायेगा. ( ग्रे मार्केट में RAT किट्स प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं.)

जिस दिन पहला लक्षण दिखे, उसे मार्क करें

जिस दिन आपको पहला लक्षण आता है, उस दिन को आप कैलेंडर पर मार्क कर लीजिये. यह आपका पहला दिन है. कोविड-19 ने अपने कैलेंडर पर आपको मार्क कर लिया है, और वह मोटा-मोटी तारीख के अनुसार आपको तंग करता रहेगा. आप कोविड-19 से ग्रसित हैं, यदि आप RT PCR या RAT द्वारा पॉजिटिव हैं, यदि आप लगातार निगेटिव भी हैं और आपके कोविड लक्षण बने हुए हैं और आपका HRCT ( छाती का सीटी स्कैन) देखकर आपके चिकित्सक को कोविड-19 लगता है.

1 से 5 दिनः कोरोना वायरस की जासूसी

वायरस आपके शरीर में लगातार दिन दूनी रात चौगुनी गति से संतति वृद्धि में लगा हुआ है, पर आपको बुखार, जुकाम के अलावा ज्यादा परेशानी नहीं है. यही वक्त है जब आप दूसरों को प्रसाद बांट सकते हैं कि हम तो डूबेंगे सनम आपको भी ले डूबेंगे. आप यदि इस तरह के प्राणी नहीं हैं, तो चुपचाप घर के कोने में खुद को समेट लीजिये.

TAB PARACETAMOL 500 MG - यदि आपका वजन 50 किलो से कम है
• 650 MG - 50 किलो से ज्यादा. एक गोली 6 घंटों के अंतराल पर ली जा सकती है, अवश्यकता होने पर.
TAB ZINCOVIT- एक टैब सुबह शाम
TAB VITAMIN C 500 MG - एक टैब सुबह शाम
TAB VITAMIN D ( 60000 IU )- एक टैब पहले दिन बस (रोज नहीं )
• ( IVERMECTIN, AZITHROMYCIN, DOXICYCLIN का जिक्र हमने जानबूझ कर नहीं किया है, क्योंकि इनकी उपयोगिता अभी पुख्ता तौर पर साबित नहीं की जा सकी है. इन्हें केवल प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा व्यक्तिगत रूप से किसी रोगी के लिए लिखने पर ही लिया जाना चाहिए).
• खूब ढेर सारा पानी/तरल पदार्थ (3-4 लीटर).
• खूब आराम करें.
• मनपसंद खाना खायें.
• अनुलोम-विलोम, योगा करें, जितना आराम से कर पायें. अपने आप को थकायें नहीं.
• ( हालांकि ये चीजें लिस्ट में ऊपर होनी चाहिए पर लोग उपचार केवल टैबलेट को ही मानते हैं )
• इन दिनों (1- 5 दिन) इससे भी ज्यादा जरूरी बात है मॉनिटरिंग मतलब कोविड-19 की जासूसी.

आपको अस्पताल में बिस्तर खोजने के काम पर लग जाना चाहिए यदि -

  • पांच दिन बाद भी आपका बुखार बिलकुल नहीं उतर रहा.
  • आपको सांस लेने में दिक्कत हो रही है, आप एक मिनट मे 24 बार से ज्यादा सांस ले रहे हैं.
  • 6 मिनट टहलने के बाद SPO2 - 94 प्रतिशत से कम हो रहा है
  • आपको पहले से गंभीर बीमारियां हैं.
  • आप घर में अकेले हैं.

आप बीमारी से बच सकते थे

अगले 5 से 12 दिन कोविड 19 के कैलेंडर में ज्यादा महत्वपूर्ण हैं. पर उनकी बात हम बाद में करेंगे. पहले तो आपको हम वहां लिये चलते हैं, जब आप बीमार नहीं हुए थे. आप बीमारी से बच सकते थे, यदि आपने ढंग से मास्क लगाया होता और होली में गलबहियां नहीं की होतीं. आपने और आपके सामने वाले ने अगर ढंग से (नाक और मुंह ढकते हुए) साधारण मास्क भी लगाया होता और दोनों में कोई एक कोविड-19 संक्रमित होता, तो भी दूसरे को संक्रमित होने की संभावना नगण्य होती, यदि यह मुलाक़ात 15 मिनट से कम और वाजिब दूरी से होती.

ऊपर लिखे एक किलोमीटर लंबे वाक्य में तीन चीजें महत्वपूर्ण हैं

  1. मास्क - दोनों लोगों को ढंग से लगा हुआ.
  2. दूरी - संभव हो तो दो गज की.
  3. मुलाकात का कुल समय - 15 मिनट से कम.

एक सर्वे के मुताबिक मास्क मोटा-मोटी वैक्सीन के बराबर बचाव करता है.

वैक्सीन के बारे में जानें

  • अब आइये लगे हाथ वैक्सीन के बारे में भी बात कर लेते हैं. आज की तारीख में कुल जमा 3 वैक्सीन (स्पूतनिक V हाल में ही अप्रूव हुई है) भारत में उपलब्ध हैं. 70 से लगभग 91 प्रतिशत प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है. सभी वैक्सीन सुरक्षित हैं. जान का उतना ही खतरा है, जितना किसी भी वैक्सीन या एंटीबायोटिक इंजेक्शन के एनाफाइलेक्टिक रिएक्शन से होता है.
    ज़्यादातर मामलों में देखा गया है कि वैक्सीन की दो खुराक के बाद संक्रमण का खतरा बहुत हद तक टाला जा सकता है और संक्रमित होने की दशा में भी रोग गंभीर नहीं होता. पर 100 प्रतिशत मामलों में ऐसा नहीं देखा जा रहा. जैसे कुछ लोगों को दुबारा संक्रमण हो जा रहा है. वैसे ही टीके के बाद गंभीर संक्रमण होने कि आशंका भी है, कुछ लोगों में.
  • ये `कुछ` लोग वे अभागे हैं, जिन्हें न तो कोविड-19 संक्रमण से और न ही वैक्सीन से कोई भी इम्युनिटी बन पा रही है. ऐसा क्यों हो रहा, किसी को पुख्ता रूप से नहीं पता. शायद जेनेटिक बनावट के कारण.
  • तो कुल मिलाकर करना ये है कि आपको जो भी मौका मिले, वैक्सीन लगवाने का, दौड़ कर लगवाना है. हमारे पास यदि प्रचुर मात्रा में वैक्सीन होती, तो सभी लगवा सकते थे पर अभी जिन व्यक्तियों को सरकार लगवा रही है वे जरूर लगवा लें. फ़िलवक्त के लिए आपके पास मास्क है ही.

अब आइये फिर आते हैं कोविड कैलेंडर पर (5 - 12 दिन)

  • दरअसल कोविड-19 में वायरस फेफड़ों में ज्यादा तोड़-फोड़ नहीं मचाते, बल्कि हमारी रक्षा प्रणाली ही भ्रमित हो जाती है और हताश होकर भस्मासुर बन जाती है. यह कैलेंडर में उसी भस्मासुर के तांडव का समय है.
  • यदि आपका ऑक्सीजन लेवल 94% से कम है, आपकी सांस फूल रही है तो आपको तुरंत भर्ती हो जाना चाहिए. आपको अतिरिक्त ऑक्सीजन की आवश्यकता है.
  • ऑक्सीजन की एक निश्चित मात्रा खून में हमेशा बनी रहनी चाहिए अन्यथा हमारे सारे ऊतक धीरे धीरे काम करना बंद कर देंगे. मस्तिष्क तो लगभग तुरंत ही. जब तक हमारे फेफड़े सामान्य रहते हैं, तब तक वह हवा में मौजूद ऑक्सीजन को खींच कर खून में सप्लाई करते रहते हैं. जैसे ही इस व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न होता है, जान का खतरा उत्पन्न हो जाता है.
  • ऑक्सीजन देने के लिए नेजल प्रोंग, ऑक्सीज़न मास्क, बाई पैप, वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है. बाई पैप गंभीर मरीजों को और वेंटिलेटर गंभीरतम मरीजों को लगाया जाता है.
  • इस भस्मासुर पर लगाम लगाने के लिए जो सबसे कारगर दवा है वह है, ` स्टेरोइड ` यह दोधारी तलवार है अतः इसका इस्तेमाल सोच-समझ कर और प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा ही किया जाना चाहिए. स्टेरोइड कारगर है, इसका यह मतलब नहीं कि किसी को कोविड-19 पॉजिटिव आया और उसने बाजार से खरीद कर खाना शुरू कर दिया. आप और बीमार हो सकते हैं, बहुत बीमार. एक दवा है REMDESIVIR, जिसकी चर्चा आप रोज अखबारों में पढ़ते होंगे. इबोला वाइरस के खिलाफ बनायी गयी इस दवा का परीक्षण कोविड-19 के मरीजों में किया गया, जो प्रभावी पाया गया, ऐसा दावा इसे बनाने वाली कंपनी के अलावा भी कई शोधकर्ताओं ने किया. वहीं ऐसे शोधकर्ताओं की संख्या भी कम नहीं है, जो इसके अप्रभावी रहने का दावा करते हैं.
  • अब भागते भूत की लंगोटी ही सही, वाली कहावत पर अमल हो रहा है. जब तक कोई और दवा अपना दावा नहीं ठोंकती, तब तक यही एक दवा है जो वायरस को संतति उत्पन्न करने से रोक सकती है. इसका उपयोग भी कोविड कैलेंडर के 9 दिन से पहले ही फायदा पहुंचा सकता है. महंगी दवा है और केवल अस्पतालों में प्रयोग के लिए उपलब्ध है. हम ग्रे मार्केट में झांकना नहीं चाहते, पर जिसके मरीज की जान पर बनी हुई है, उसे भी न झांकने के लिए कहने का हमारे पास नैतिक अधिकार नहीं है.
  • कोविड-19 मरीजों में एक और खास बात देखी गयी है, वह है शरीर की रुधिर (रक्त) नालियों में खून के थक्के बनना. इससे जान का खतरा और बढ़ जाता है. इन्हें रोकने के लिए कुछ दवाएं हैं जैसे ` हिपाइरिन` सभी भर्ती मरीजों में यह अनिवार्य रूप से दी जाती है.
  • TOCILIZUMAB एक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है और यह गंभीरतम मरीजों में इस्तेमाल होती है. यह कितनी खतरनाक दवा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसको देने से पहले मरीज के रिश्तेदार को जान के खतरे की सहमति पर दस्तख़त करने होते हैं.
  • आपके रक्तचाप, शुगर लेवल, किडनी, लीवर आदि की स्थिति को देखते हुए आपकी बाकी दवाएं चलायी जाती हैं.

13वां दिन- आपकी सकुशल घर वापसी की संभावनाएं प्रबल हैं

अपने कोविड कैलेंडर पर निगाह डालिये. कोविड टाइमलाइन का आज तेरहवां दिन है, अभी आप जीवित हैं और आपको ऑक्सीज़न के लिए बाई पैप या वेंटिलेटर की जरूरत नहीं पड़ रही है, आपको TOCILIZUMAB इंजेक्शन नहीं लगाया गया है, तो आपके सकुशल घर वापसी की संभावनाएं प्रबल हैं.

घर लौट कर आपको कमजोरी रह सकती है. धीरे-धीरे ठीक हो जाएगी. आपके फेफड़े यदि क्षतिग्रस्त हो गये हैं, तो आपको सामान्य दिनचर्या में और समय लग सकता है.

अभी कोविड के बाद होने वाली तमाम परेशानियों पर शोध चल रहा है, अभी पक्के तौर पर कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी.

आपको डर लग रहा है न?

  • मास्क लगाइये, मास्क लगाइये, मास्क लगाइये
  • भीड़ में नहीं जाइए, उचित दूरी रखिए
  • वैक्सीन लगवाइये
  • सजग रहिए-सुरक्षित रहिए